Advertisement Carousel
Local News

Tragic Death: जयपुर में 9 साल की अमायरा ने स्कूल की चौथी मंजिल से लगाई छलांग, माता-पिता का आरोप- ‘टीचर्स ने एक साल तक बुलिंग को किया नजरअंदाज, साक्ष्य छिपाने की कोशिश’

the loktntra

द लोकतंत्र : राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक नामी स्कूल में 1 नवंबर को हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। 9 साल की मासूम बच्ची अमायरा ने स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। यह घटना उस समय और भी विचलित करने वाली हो गई, जब बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन और शिक्षकों पर गंभीर लापरवाही, बुलिंग को नजरअंदाज करने और घटना के बाद साक्ष्य मिटाने के आरोप लगाए हैं।

परिवार का कहना है कि जो बच्ची एक रात पहले हैलोवीन पार्टी में हंस-हंसकर ट्रॉफियां जीत रही थी, वह अगले ही दिन स्कूल में इस तरह का भयानक कदम उठा लेगी, इस बात पर यकीन करना नामुमकिन है।

खुशमिजाज बच्ची के टूटे सपने

अमायरा की मां शिवानी ने गहरे दुख के साथ बताया कि उनकी बेटी कितनी खुशमिजाज थी। उन्होंने अपनी बेटी की आखिरी इच्छा याद करते हुए कहा, “रात को सोने से पहले उसने मुझसे कहा था कि, मॉम, प्लीज वेक मी अप लिटल अर्ली, आई वांट टू वाश माई हेयर बिफोर गोइंग टू स्कूल। वो बहुत खुश थी।”

अमायरा के ड्रीम्स: शिवानी बताती हैं कि अमायरा एक ऑल-राउंडर बच्ची थी, जो स्कूल में अक्सर अवॉर्ड जीतती थी। उसके बड़े-बड़े सपने थे; वह कभी कल्पना चावला बनना चाहती थी, कभी दीपिका पादुकोण की तरह एक्ट्रेस, और उसे ब्लैकपिंक जैसे इंग्लिश बैंड बहुत पसंद थे।

घटना से पहले टीचर के पास 5 बार गई अमायरा

माता-पिता का दावा है कि सीसीटीवी फुटेज में स्कूल प्रशासन की घोर लापरवाही साफ दिखती है।

फुटेज का खुलासा: मां शिवानी ने पुलिस के साथ सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद बताया कि घटना से करीब एक घंटा पहले अमायरा चार-पांच बार अपनी सीट से उठकर क्लास टीचर के पास जाती है, कुछ कहती है और फिर वापस लौट आती है। हर बार वह परेशान दिख रही थी।

क्लासमेट का बयान: अमायरा के मामा साहिल ने बताया कि उनकी एक क्लासमेट ने भी उन्हें बताया कि अमायरा कह रही थी कि बच्चे मुझे परेशान कर रहे हैं।

टीचर्स ने नहीं लिया गंभीरता से: परिजनों का आरोप

अमायरा के मामा साहिल ने कहा कि पिछले एक साल से स्कूल में बुलिंग को लेकर शिकायतें की जा रही थीं, मगर टीचर्स ने कभी बच्ची की बात को गंभीरता से नहीं लिया।

टीचर की स्वीकारोक्ति: मामा साहिल के अनुसार, टीचर ने खुद पुलिस के सामने स्वीकार किया कि हां, वो दो बार आई थी और बोला कि बच्चे बैड वर्ड्स बोल रहे हैं और परेशान कर रहे हैं।

टीचर का रवैया: मगर टीचर ने सिर्फ इतना कहा कि जाओ, बैठ जाओ। परिवार का सवाल यही है कि अगर बच्ची इतनी परेशान दिख रही थी, तो उस वक्त टीचर ने उसे हैंडल क्यों नहीं किया? सिर्फ उसे वापस भेज देना एक संवेदनशील बच्चे की मदद नहीं है।

पिता विजय ने बताया कि उन्होंने खुद पैरेंट-टीचर मीटिंग में देखा था कि कुछ लड़के अमायरा की तरफ उंगली करके इशारे कर रहे थे और उनकी बेटी घबराई हुई थी। विजय ने जब टीचर से बात की तो उन्होंने इसे को-एड स्कूल का सामान्य व्यवहार बताकर टाल दिया था।

क्या लापरवाही ने ली मासूम की जान?

परिवार का सबसे गंभीर आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने न केवल शिकायतों को नजरअंदाज किया, बल्कि घटना के बाद साक्ष्य भी छिपाने की कोशिश की। परिवार ने पुलिस से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह दुखद घटना एक बार फिर समाज और शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाती है: क्या स्कूल में बुलिंग को अनदेखा करना किसी मासूम की जान लेने तक पहुंच सकता है? और क्या टीचर्स की संवेदनशीलता और सिस्टम की लापरवाही अब भी किसी और अमायरा की कीमत पर सुधरेगी?

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Yogi Adityanath
Local News

यूपी में प्रशासनिक फेरबदल, 14 आईपीएस अफसरों के तबादले

द लोकतंत्र : उत्तर प्रदेश में फिर से बड़े पैमाने पर आईपीएस अफसरों को इधर से उधर किया गया है।
Ravi-Tripathi-Deoria
Local News

जनपद देवरिया के रवि त्रिपाठी ताइक्वांडो हॉल ऑफ फेम इण्डिया अवार्ड-2023 से सम्मानित

द लोकतंत्र : बीते 02 अगस्त कोलखनऊ में एक होटल में ताइक्वांडो फडरेशन ऑफ इण्डिया की 47वीं वर्षगांठ का समोराह