द लोकतंत्र : देश में नक्सलवाद विरोधी अभियान के लिए एक बड़ी और निर्णायक सफलता की खबर सामने आई है। आंध्र प्रदेश की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई एक बड़ी मुठभेड़ में, सबसे वांछित और ₹1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर हिडमा मारा गया है। बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक (IG सुंदरराज पी) ने इस सनसनीखेज खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मरेडपल्ली में मंगलवार सुबह हुई इस भिड़ंत में कुल छह नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी मिली है।
मारा गया नक्सली कमांडर हिडमा (असली नाम संतोष) CPI (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य था। वह बस्तर क्षेत्र से सेंट्रल कमेटी में पहुंचने वाला एकमात्र आदिवासी भी था। हिडमा माओवादियों की सबसे घातक हमलावर इकाई PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, जिसने देश के आंतरिक सुरक्षा बलों के खिलाफ कई विनाशकारी हमलों को अंजाम दिया था। वह लंबे समय से सुरक्षा बलों की निगरानी में था और उसकी मौत को माओवादी संगठन के लिए एक निर्णायक और अपूरणीय क्षति माना जा रहा है।
आईजी सुंदरराज पी के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में हिडमा की पत्नी राजे (राजक्का) भी शामिल है, जिस पर ₹40 लाख का इनाम घोषित था। इसके अलावा, ₹40 लाख का इनामी स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य चल्लुरी नारायण उर्फ सुरेश भी मारा गया है। मारे गए अन्य नक्सलियों में टेक शंकर का नाम शामिल है, जबकि बाकी दो नक्सलियों की पहचान आंध्र प्रदेश की ग्रेहाउंड्स पुलिस द्वारा की जा रही है। रविवार को ही छत्तीसगढ़ के सुकमा में ₹15 लाख के इनामी तीन नक्सली मारे गए थे, जिससे यह सप्ताह नक्सल विरोधी अभियानों के लिए अत्यंत सफल रहा है।
हिडमा के कुख्यात हमले
हिडमा देश में हुए कम से कम 26 बड़े और घातक हमलों के लिए केंद्रीय रूप से जिम्मेदार माना जाता था। उसकी भूमिका ने नक्सलवाद को एक बड़ा खतरा बनाए रखा था। जिन कुख्यात हमलों में हिडमा मुख्य साजिशकर्ता था, वे निम्नवत हैं:
- 2010 दंतेवाड़ा हमला: जिसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
- 2013 झीरम घाटी नरसंहार: 27 लोगों की हत्या, जिनमें शीर्ष कांग्रेस नेता शामिल थे।
- 2021 सुकमा-बीजापुर मुठभेड़: जिसमें 22 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए थे।
हिडमा का मारा जाना, माओवादी संगठन के लिए नेतृत्व संकट पैदा करेगा और उनकी सबसे खतरनाक हमलावर इकाई को कमजोर करेगा। हालांकि, अधिकारियों ने मुठभेड़ स्थल से .303 राइफल, बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल), अन्य हथियार एवं विस्फोटक बरामद किए हैं, जो बताते हैं कि संगठन अभी भी भारी हथियारों से लैस है। यह सफलता सुरक्षा बलों की समन्वित खुफिया जानकारी और संयुक्त कार्रवाई का परिणाम है। हिडमा की मौत से बस्तर क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगेगी, लेकिन यह नक्सल विरोधी अभियानों की चुनौतियों की समाप्ति नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण चरण का समापन है।

