द लोकतंत्र / वाराणसी : परशुराम जयंती के पावन अवसर पर वाराणसी स्थित भीमचंडी धाम में शिव धाम फाउंडेशन द्वारा भगवान परशुराम मंदिर का भव्य जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण किया गया। हजारों वर्ष पुराने इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यंत विशिष्ट है, जहाँ भगवान शिव और भगवान परशुराम की दिव्य प्रतिमाएं प्रतिष्ठित हैं।
इस अवसर को और अधिक आध्यात्मिक बनाते हुए फाउंडेशन ने वैदिक परंपरा का संरक्षण करते हुए कई बाल बटुकों का उपनयन (जनेऊ) संस्कार भी सम्पन्न कराया। यह संस्कार वैदिक अध्ययन और आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, जो प्राचीन गुरुकुल परंपरा से जुड़ा है।

शिव धाम फाउंडेशन द्वारा प्राचीन मंदिरों का संरक्षण और सनातन परंपराओं का पुनरुत्थान
बताते चलें, शिव धाम फाउंडेशन बीते कुछ वर्षों से से देशभर में प्राचीन मंदिरों के संरक्षण, सनातन परंपराओं के पुनरुत्थान और संत समाज की सेवा में समर्पित भाव से कार्य कर रही है। इसी कड़ी में भगवान परशुराम मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य को भी फाउंडेशन ने पूर्ण श्रद्धा से सम्पन्न किया।
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इस दौरान आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत धार्मिक अनुष्ठान किया गया जिसमें देश की एकता, मानव कल्याण और लोकशांति के लिए विशेष वैदिक यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें विद्वान ब्राह्मणों ने गगनभेदी मंत्रोच्चारण के साथ भारतवर्ष की समृद्धि और सुरक्षा के लिए आहुतियाँ अर्पित कीं।
फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस आयोजन में कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य रूप से शिव धाम फाउंडेशन के ट्रस्टी श्री अमित त्रिवेदी, साधु सेवा प्रमुख श्री संजय पाठक, पिंटू उपाध्याय, कल्लू उपाध्याय, पुष्कर सिंह और भीमचंडी धाम के आचार्यगण शामिल थे।