द लोकतंत्र/ गोरखपुर: Purvanchal Link Expressway मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो गोरखपुर को वाराणसी और इलाहाबाद से जोड़ते हुए संतकबीरनगर, आजमगढ़ और अंबेडकरनगर के विकास में नया अध्याय लिखने के लिए बनाई जा रही है। लेकिन इस परियोजना के भूमि अधिग्रहण में किसानों को उचित मुआवजा न मिलने और सीमांकन से अधिक भूमि अधिग्रहण किए जाने के आरोपों ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस संदर्भ में, जनकल्याण समिति के पदाधिकारियों ने किसानों के हित में गोरखपुर जिलाधिकारी कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। हालाँकि, जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अपर जिलाधिकारी ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, परियोजना के लिए यूपीडा (UPEIDA) द्वारा किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया। जनकल्याण समिति के मुताबिक, अधिग्रहण में सीमांकन से अधिक भूमि ली गई, लेकिन किसानों को इसके अनुरूप मुआवजा नहीं दिया गया। किसानों ने इस मुद्दे को लेकर कई बार उपजिलाधिकारी खजनी को प्रार्थना पत्र सौंपा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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किसानों की मांग
पीड़ित किसानों ने जिलाधिकारी से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए उनकी भूमि का पुनः सीमांकन कराने और उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। समिति ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो किसान आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। आंदोलन की स्थिति में सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। ज्ञापन लेते हुए अपर जिलाधिकारी ने किसानों की शिकायतों की जांच कराने और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
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बता दें, पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे न केवल गोरखपुर और वाराणसी के बीच की दूरी को कम करेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति देगा। लेकिन भूमि अधिग्रहण में कथित अनियमितताओं ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों को उम्मीद है कि जिलाधिकारी इस मामले में सकारात्मक पहल करेंगे और उनके साथ न्याय होगा।