द लोकतंत्र: राजस्थान में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और राज्य का बड़ा हिस्सा भारी बारिश की चपेट में है। कोटा, बूंदी, बारां, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर को छोड़कर शेष जिलों में येलो अलर्ट जारी है। लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और कई जिलों में स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
बारां में बारिश ने मचाई तबाही
बारां जिले में बीते तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। निचले इलाकों में पानी भर गया है, दुकानों में पानी घुस गया और व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है।
बारां शहर के प्रमुख बाजारों और चौराहों पर तीन फीट तक पानी भर चुका है, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। हालात को देखते हुए प्रशासन ने 2 अगस्त तक स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।
हाईवे और रास्ते हुए बंद
सवाई माधोपुर और बारां जिलों में बारिश के कारण मध्य प्रदेश से जोड़ने वाला हाईवे बंद हो गया है। शाहाबाद क्षेत्र में NH-27 पर तीन फीट पानी बहने से गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं। कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। पुलिया बह गई हैं या क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप है।
नदियां उफान पर, गांव जलमग्न
जिले की तीन प्रमुख नदियां कालीसिंध, पार्वती और परवन खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 18 बांध, नदियां और तालाब उफान पर हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ग्रामीण इलाकों में खेत जलमग्न हैं और बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई है।
बारां के समरानियां बिजली ग्रिड स्टेशन में पानी घुसने से कई इलाकों में दो दिनों से बिजली गुल है। केलवाड़ा और अन्य बस्तियों में पानी घरों में घुस गया है, जिससे कई परिवारों की जरूरी वस्तुएं बह गई हैं।
प्रशासन अलर्ट पर, राहत कार्य शुरू
जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर के निर्देशन में सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाए जा रहे हैं। एडीएम शाहाबाद जबर सिंह ने बिलोदा मामली गांव का दौरा कर हालात का जायजा लिया। मध्य प्रदेश के कलोरा तालाब के टूटने की आशंका को देखते हुए सीमावर्ती गांवों को खाली कराया जा रहा है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और पूरी सतर्कता बरतें। प्रभावित लोगों के लिए राशन, भोजन और ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।