द लोकतंत्र: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार देर रात एक भीषण प्राकृतिक आपदा ने धराली गांव को अपनी चपेट में ले लिया। धराली खीर गाढ़ में बादल फटने से अचानक जलस्तर बढ़ गया, जिससे भारी तबाही मच गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बादल फटने की यह घटना धराली गांव के ऊपर हुई, जो गंगोत्री धाम के मार्ग पर एक प्रमुख स्थान है। इस घटना में धराली मार्केट सहित पूरे क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि 50 से 60 लोगों के लापता होने की आशंका है, जबकि दर्जनों मकान और होमस्टे तेज बहाव में बह गए हैं।
क्या हुआ हादसे में?
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, मंगलवार देर रात अचानक खीर गाढ़ नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। कुछ ही पलों में नदी किनारे बसे घर और दुकानों को पानी अपने साथ बहा ले गया। वीडियो फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे महज़ 30 सेकंड में दर्जनों मकान माचिस की तीलियों की तरह बहते चले गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़:
बादल फटने की सूचना मिलते ही आर्मी, पुलिस और SDRF की टीमों को भटवाड़ी क्षेत्र में तैनात किया गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। हेलीकॉप्टर की मदद से क्षेत्र का हवाई सर्वे भी किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि “प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और हर संभव मदद पीड़ितों तक पहुंचाई जा रही है।”
क्यों हुआ इतना नुकसान?
भूगर्भ वैज्ञानिकों ने चेताया है कि “बादल फटना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन नदी किनारे अनियोजित निर्माण इस तरह की तबाही को निमंत्रण देता है।” विशेषज्ञों का मानना है कि पर्वतीय इलाकों में निर्माण नियमों का पालन न करना जोखिम भरा है।
पर्यटन पर असर:
धराली क्षेत्र गंगोत्री यात्रा मार्ग पर होने के कारण यहां हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। इस हादसे से आगामी यात्रा और पर्यटन व्यवसाय पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।