द लोकतंत्र: पश्चिम बंगाल में चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले (West Bengal Teacher Recruitment Scam) की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार, ईडी की टीम जब मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान स्थित उनके घर पर छापेमारी करने पहुंची, तो विधायक ने खुद को बचाने के लिए भागने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि साहा ने घर की दीवार कूदकर पास के खेत की ओर दौड़ लगाई। हालांकि, ईडी की टीम ने पीछा कर उन्हें खेत से ही गिरफ्तार कर लिया।
एजेंसी अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तारी के समय विधायक के कपड़े और शरीर मिट्टी से सने हुए थे। इतना ही नहीं, रेड के दौरान उन्होंने सबूत नष्ट करने की कोशिश भी की और अपना मोबाइल फोन घर के पास बने तालाब में फेंक दिया। ईडी टीम ने गोताखोरों की मदद से तालाब से दोनों मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं। इन्हें अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
बिरभूम से मिली थी जानकारी
ईडी की इस कार्रवाई की शुरुआत उस समय हुई, जब बिरभूम जिले के एक व्यक्ति ने कथित भर्ती घोटाले से जुड़े लेन-देन का खुलासा किया। यही व्यक्ति ईडी टीम को विधायक के घर तक लेकर गया था। इसके बाद ही एजेंसी ने साहा के घर और उनके नजदीकी ठिकानों पर छापेमारी शुरू की।
वर्तमान में ईडी की टीम मुर्शिदाबाद स्थित उनके आवास के अलावा रघुनाथगंज में उनके ससुराल और बिरभूम जिले में उनके पर्सनल असिस्टेंट के घर पर भी रेड कर रही है। अधिकारियों ने कहा कि विधायक से लगातार पूछताछ की जा रही है और उन्हें जल्द ही कोलकाता ले जाया जाएगा, जहां ईडी कोर्ट में पेश करेगी।
पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
गौरतलब है कि इससे पहले अप्रैल 2023 में भी सीबीआई ने जीवन कृष्ण साहा को शिक्षक भर्ती घोटाले में अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि, उन्हें मई 2023 में जमानत मिल गई थी। अब ईडी की यह कार्रवाई मामले को और गंभीर बना रही है।
दो एजेंसियां कर रहीं जांच
इस घोटाले की जांच दो स्तरों पर चल रही है। सीबीआई आपराधिक पहलुओं और कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है, जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है। माना जा रहा है कि ईडी की कार्रवाई में कई और बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं।
पश्चिम बंगाल में यह मामला राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि इसमें सत्ताधारी दल के कई नेताओं पर संदेह की सुई घूम रही है। ईडी और सीबीआई की संयुक्त कार्रवाई से घोटाले की परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं।