द लोकतंत्र : आज वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे 2023 है। फिजियोथेरेपी सेहतमंद रहने के लिए बहुत जरूरी होता है। हर साल फिजियोथेरेपी दिवस की अलग-अलग थीम होती है। इस साल विश्व फिजियोथेरेपी दिवस की थीम ‘अर्थराइटिस’ है। दरअसल, वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे को हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य हमारे जीवन में फिजियोथेरेपिस्ट के महत्व को दर्शाना और फिजिकल थेरेपी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है।
वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे 2023
गाजियाबाद में फिजियोथेरेपिस्ट डॉ इंद्रमणि उपाध्याय बताते हैं, फिजिकल थेरेपी का महत्त्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। यह एक तरह की थेरेपी है, जो मेडिकल साइंस का ही हिस्सा है। यानी स्वस्थ रहने के लिए फिजियोथेरेपी करवाना बहुत जरूरी होती है। फिजियोथेरेपी सेहतमंद रहने के लिए बहुत जरूरी होता है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे दर्द से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा लेना चाहिए।
डॉ इंद्रमणि ने बताया कि फिजियोथेरेपी करवाने से न सिर्फ शरीर की अकड़न दूर होती है बल्कि बॉडी भी फ्लैक्सिबल रहती है। इसके साथ ही, फिजियोथेरेपी करवाने से अर्थराइटिस, घुटनों के दर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, मसल्स में अकड़न जैसी गंभीर समस्याएं भी दूर होती हैं। फिजियोथेरेपी करवाने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। इससे तनाव और चिंता दूर होती है।
किसी बीमारी से उबरने के बाद अगर आपको लगता है कि आपका शरीर पहले के जैसा गतिशील और एक्टिव नहीं है, शरीर में लगातार दर्द बना रहता है तो फिजिकल थेरेपिस्ट इस समस्या से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं। अर्थराइटिस के मरीजों के लिए फिजिकल थेरेपी बेहद फायदेमंद है। फिजिकल थेरेपिस्ट आपकी शारीरिक क्षमता के अनुसार आपको थेरेपी देते हैं, जिससे आपका शरीर फिर से गतिशील होने लगता है।
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फिजियो की आवश्यकता अप्रत्याशित हो सकती है, और यह किसी भी उम्र में आ सकती है, खासकर अगर आपको किसी भी शारीरिक आघात जैसे कि मोच, फ्रैक्चर, इनवेसिव सर्जरी या मांसपेशियों में विकार का अनुभव हो।