द लोकतंत्र : 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत और कई अन्य घायल हो गए। घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीड़ितों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से जारी बयान के अनुसार, मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2-2 लाख रुपये, और मामूली रूप से घायल व्यक्तियों को 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही, सभी घायलों के इलाज की सर्वोत्तम चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है और पीड़ितों को उनके घर सुरक्षित पहुंचाने के लिए प्रशासन ने पूर्ण व्यवस्था कर ली है।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि, हम खोए हुए अनमोल जीवन पर शोक व्यक्त करते हैं। आतंकी हमले में निर्दोश नागरिकों की मौत से हुए क्षति की भरपाई कोई भी धनराशि नहीं कर सकती है। इसके बावजूद जम्मू जम्मू कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिजनों की सहायता के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया है।
सीएमओ ने अपने बयान में कहा है कि पीड़ितों को उनके घरों तक वापस ले जाने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवा प्रदान की जा रही है। हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। जम्मू जम्मू कश्मीर सरकार दुख की इस कठिन समय में आपके साथ है। आतंकवाद हमारे संकल्प को कभी नहीं तोड़ पाएगा। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि इस बर्बरता के पीछे के लोगों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता।
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वहीं, सीएम उमर अब्दुल्ला ने हमले को ‘घृणित, मूर्खतापूर्ण और अमानवीय कृत्य‘ करार देते हुए कहा, मैं इस बर्बरता से आहत हूं। निर्दोषों पर हिंसा का कोई औचित्य नहीं हो सकता। यह हमारे समाज की आत्मा पर हमला है। सीएमओ की ओर से यह भी कहा गया कि, मृतकों की क्षति की भरपाई कोई भी राशि नहीं कर सकती, लेकिन यह सहायता उनके परिवारों को संकट की घड़ी में संबल देने का प्रयास है। सरकार ने स्पष्ट किया कि आतंक के आगे कभी झुका नहीं जाएगा और दोषियों को न्याय के कटघरे तक लाकर ही चैन लिया जाएगा।
बता दें, देशभर में इस हमले को लेकर गहरा शोक और आक्रोश व्याप्त है। एक बार फिर यह घटना आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े होने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।