द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को एक बड़ा और अप्रत्याशित फैसला लेते हुए बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। इस निर्णय ने न सिर्फ राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ाई है, बल्कि बीजेपी के इतिहास में भी एक नया अध्याय जोड़ दिया है। वर्ष 1980 में जन्मे नितिन नबीन अब तक के सबसे युवा अध्यक्ष हैं। यह संयोग भी उल्लेखनीय है कि बीजेपी की स्थापना भी 1980 में ही हुई थी, और अब अपने 45वें वर्ष में पार्टी ने 45 वर्षीय नेता को शीर्ष जिम्मेदारी सौंपकर एक नया संदेश दिया है।
बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी, जबकि नितिन नबीन का जन्म 23 मई 1980 को हुआ। यानी पार्टी की स्थापना के करीब एक महीने बाद ही उनका जन्म हुआ। अब 45 वर्ष बाद बीजेपी ने उन्हीं की उम्र के नेता को राष्ट्रीय स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण पद सौंपकर संगठनात्मक रूप से एक नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
अमित शाह का रिकॉर्ड भी तोड़ेंगे नितिन नबीन
बीजेपी के इतिहास में इससे पहले सबसे कम उम्र में अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम था। शाह जुलाई 2014 में जब पार्टी अध्यक्ष बने थे, तब उनकी उम्र 49 वर्ष 9 महीने थी। लेकिन अब नितिन नबीन केवल 45 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनकर यह रिकॉर्ड पीछे छोड़ देंगे। राजनीति के जानकारों के अनुसार यह कदम युवा नेतृत्व को मजबूत करने और पार्टी को नई ऊर्जा देने की रणनीति का हिस्सा है।
संगठन को नई मजबूती मिलने की उम्मीद
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि संसदीय बोर्ड ने सर्वसम्मति से नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है और यह नियुक्ति तुरंत प्रभाव से लागू होगी। उन्होंने outgoing अध्यक्ष जेपी नड्डा का स्थान ग्रहण किया है। पार्टी को विश्वास है कि उनका अनुभव, युवा दृष्टिकोण और संगठनात्मक दक्षता राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को और मजबूती प्रदान करेगी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह नियुक्ति सिर्फ औपचारिक बदलाव नहीं है, बल्कि संगठन को नेक्स्ट जेनरेशन लीडरशिप सौंपने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नितिन नबीन की उम्र कम जरूर है, लेकिन उन्हें संगठन में हमेशा एक प्रभावशाली और सक्रिय नेता के रूप में देखा गया है।
कौन हैं नितिन नबीन?
नितिन नबीन बिहार के लोकप्रिय और अनुभवी नेताओं में गिने जाते हैं। वह राज्य सरकार में पथ निर्माण मंत्री और नगर विकास एवं आवास मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। वे पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं और पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से लगातार जीत हासिल कर रहे हैं। हाल ही के चुनाव में उन्होंने आरजेडी प्रत्याशी रेखा गुप्ता को 51 हजार से अधिक वोटों से हराकर अपनी मजबूत जनाधार का प्रमाण दिया था।
इसके अलावा नितिन नबीन दो बार बीजेपी युवा मोर्चा के महामंत्री भी रहे हैं और बिहार बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं। उनका संगठनात्मक अनुभव, जनता के बीच पकड़ और नेतृत्व क्षमता उन्हें इस पद का स्वाभाविक दावेदार बनाती है।
उनके पिता, नवीन किशोर सिन्हा, बीजेपी के दिग्गज नेता रहे हैं और उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता है। नितिन नबीन राजनीतिक विरासत के साथ-साथ अपने दम पर खड़ा हुआ नेतृत्व हैं और इसलिए उन्हें पार्टी के भविष्य का चेहरा माना जा रहा है।
युवा नेतृत्व, नई दिशा
बीजेपी का यह फैसला बताता है कि पार्टी तेजी से युवा नेतृत्व को आगे बढ़ा रही है। आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह कदम संगठन में जोश, ऊर्जा और नवीन रणनीति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि नितिन नबीन की नियुक्ति बिहार भाजपा को भी नई मजबूती देगी, और राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी की छवि एक युवा, आधुनिक और सशक्त संगठन के रूप में और उभरेगी।
कुल मिलाकर, यह नियुक्ति बीजेपी की भावी दिशा, संगठनात्मक मजबूती और नेतृत्व परिवर्तन के नए दौर की शुरुआत मानी जा रही है।

