द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की अनुमति दे दी है।
अदालत का यह फैसला उस समय आया है जब बिहार में चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है। यह फैसला निश्चित तौर पर महागठबंधन के लिए सियासी संकट पैदा कर सकता है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) इसे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भुनाने की पूरी तैयारी में है।
कोर्ट ने कहा – लालू की जानकारी में रची गई साज़िश
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई की जांच रिपोर्ट के अनुसार, लालू प्रसाद यादव की जानकारी में ही आईआरसीटीसी के दो होटलों की लीजिंग से जुड़ी साजिश रची गई थी। आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी के होटल्स निजी कंपनियों को सस्ते में लीज पर दिए और बदले में अपने परिवार के नाम पर जमीनें हासिल कीं।
सीबीआई ने आरोप लगाए हैं कि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बाजार मूल्य से कम दाम पर जमीनें मिलीं। अदालत ने IPC की धारा BNS धारा 318(धोखाधड़ी), (BNS) में धारा 61 (साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) व 13(1)(d) के तहत आरोप तय किए हैं।
लालू परिवार ने कहा- निर्दोष हैं, मुकदमे का सामना करेंगे
अदालत में पेशी के दौरान जब लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से पूछा गया कि क्या वे अपना अपराध स्वीकार करते हैं, तो तीनों ने एक स्वर में कहा कि वे निर्दोष हैं और अदालत में मुकदमे का सामना करेंगे। लालू यादव के वकीलों ने दलील दी कि यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और इसके जरिए चुनाव से पहले RJD को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
BJP ने साधा निशाना, भ्रष्टाचारियों का गठबंधन उजागर
कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने महागठबंधन पर तीखे वार शुरू कर दिए हैं। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि यह मामला बताता है कि बिहार में भ्रष्टाचार किस तरह सत्ता का जरिया बना। भाजपा इसे ‘लालू राज की वापसी’ के खतरे से जोड़कर चुनावी नैरेटिव बना रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की रणनीति अब ‘भ्रष्टाचार बनाम सुशासन’ के एजेंडे पर केंद्रित होगी। पोस्टर, भाषण और सोशल मीडिया कैम्पेन में ‘घोटाले से चुनाव तक’ का मुद्दा उछाला जाएगा।
चुनावी समीकरण पर असर तय
इस फैसले का असर महागठबंधन की सीट-बंटवारे की बातचीत पर भी पड़ सकता है। लालू परिवार सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व के साथ बैठक करने वाला है, जिसमें सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वहीं, एनडीए ने रविवार को सीटों का बंटवारा फाइनल कर लिया है। ऐसे में कोर्ट का यह फैसला महागठबंधन के लिए दबाव का कारण बन गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा के लिए चुनावी ऑक्सीजन का काम करेंगे। पार्टी इस मुद्दे को ‘नीतीश मोदी बनाम लालू भ्रष्टाचार’ की लड़ाई के रूप में पेश कर सकती है।

