द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने आव्रजन प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’ नामक नई प्रीमियम इमिग्रेशन योजना शुरू की है। अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने बताया कि यह योजना आधिकारिक रूप से लागू हो गई है। गोल्ड कार्ड के तहत योग्य विदेशी नागरिकों को अमेरिका में विशेषाधिकार प्राप्त स्थायी निवास (Privileged Permanent Residency) का दर्जा मिलेगा, जो मौजूदा ग्रीन कार्ड प्रक्रिया की तुलना में अधिक प्रीमियम और सीमित होगा।
व्यक्तिगत रूप से अमेरिका में स्थायी निवास के लिए लगेगी मोटी रक़म
राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को गोल्ड कार्ड वीज़ा प्रोग्राम के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। लुटनिक के अनुसार, जो व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से अमेरिका में स्थायी निवास पाना चाहते हैं, उन्हें 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.5 करोड़ रुपये) का शुल्क देना होगा। वहीं, विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट गोल्ड कार्ड उपलब्ध होगा, जिसकी फीस 2 मिलियन डॉलर (लगभग 17.2 करोड़ रुपये) प्रति कर्मचारी तय की गई है।
कार्ड को दूसरे कर्मचारी के नाम ट्रांसफर करने के लिए 15,000 डॉलर का प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा। इस योजना की शुरुआत में 80,000 गोल्ड कार्ड वीज़ा जारी किए जाएंगे। यह EB-1 और EB-2 श्रेणियों के तहत मिलने वाले रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड की जगह लेगा।
ट्रंप गोल्ड कार्ड धारकों को अमेरिका में ‘विशेषाधिकार प्राप्त स्थायी निवासी’ का दर्जा
ट्रंप गोल्ड कार्ड धारकों को अमेरिका में ‘विशेषाधिकार प्राप्त स्थायी निवासी’ (Privileged Permanent Resident) का दर्जा मिलेगा। इसके तहत उन्हें अमेरिका के सभी 50 राज्यों में रहने, काम करने और यात्रा करने की पूरी आज़ादी होगी। धारकों को भविष्य में अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अवसर भी मिलेगा। हालांकि, एक महत्वपूर्ण शर्त यह होगी कि गोल्ड कार्ड धारकों को अपनी वैश्विक आय पर अमेरिकी कर कानून के तहत टैक्स देना होगा, चाहे वे कहीं भी कमाई कर रहे हों।
हॉवर्ड लुटनिक ने स्पष्ट किया कि यह योजना सामान्य आव्रजन का विस्तार नहीं है। ट्रंप गोल्ड कार्ड केवल सफल बिजनेसमैन, निवेशकों और उद्यमियों के लिए होगा। इसका उद्देश्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाने वाले उच्च-नेटवर्थ व्यक्तियों को आकर्षित करना और आव्रजन प्रणाली को “अमेरिकी लोगों की सेवा” पर केंद्रित रखना है।
गोल्ड कार्ड प्राप्त करने के लिए आवेदकों को अमेरिका की अब तक की सबसे सख्त सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। इस जांच प्रक्रिया की अतिरिक्त लागत 15,000 डॉलर प्रति आवेदक तय की गई है। गृह सुरक्षा विभाग और विदेश मंत्रालय की संयुक्त जांच में राष्ट्रीय सुरक्षा या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को शामिल नहीं किया जाएगा। लुटनिक ने कहा कि सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए यह जांच पहले से कहीं अधिक कठोर होगी।