द लोकतंत्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने वाले एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया। पीएम मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
उन्होंने आगे कहा कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
पीवी नरसिम्हा राव को Bharat Ratna
वहीं, पामुलपर्थी वेंकट नरसिम्हा राव को भी भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। पीवी नरसिम्हा राव 20 जून 1991 को देश के प्रधानमंत्री बने थे। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला।
इसके अलावा भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ये साझा करते हुए मुझे खुशी हो रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव गारू को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। वो एक विद्वान और स्टेट्समैन थे।
एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न
हरित क्रांति के जनक‘ कहे जाने वाले मोनकोम्ब संबासिवन (एम.एस) स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। एम एस स्वामीनाथन की पहल के बाद हरित क्रांति के तहत देशभर के किसानों गेहूं और चावल के ज्यादा उपज वाले बीज लगाना शुरू किए। खेती में आधुनिक उपकरणों और वैज्ञानिक विधियों से कृषि की शुरुआत हुई। इसी का नतीजा था कि दुनिया का सबसे ज्यादा खाद्यान्न की कमी वाला देश महज 25 सालों में इस कलंक से उबरकर आत्मनिर्भर बन गया।
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पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए। उन्होंने लिखा, डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था।