द लोकतंत्र : पूरे देश में अच्छा परफॉर्मेंस देने के बावजूद उत्तर प्रदेश में भाजपा के विजय रथ पर ब्रेक लग गया। भाजपा उस उत्तर प्रदेश में हार गई जहां सीएम योगी जैसे प्रशासक लगातार दूसरी टर्म का सरकार चला रहे हैं। बीजेपी उस फैजाबाद सीट पर हार गई जहां राम मंदिर का निर्माण हुआ है और इसी जनवरी में रामलला विराजमान हुए हैं। हार के वैसे तो कई कारण गिने और गिनाए जा रहे हैं लेकिन जिस बात की चर्चा सबसे ज़्यादा हो रही है वह यह कि आख़िर उत्तर प्रदेश में इतना मज़बूत होने के बावजूद बीजेपी को यहाँ डेंट लगा तो लगा कैसे।
यूपी की फैजाबाद सीट हारने की चर्चा के साथ बीजेपी इस बात से भी चिंतित है कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ख़ुद पीएम को जीत के लिए पहले चार राउंड में संघर्ष करना पड़ा और जीत का मार्जिन भी दावे के अनुरूप काफ़ी कम रहा। जिस यूपी में बीजेपी ने सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, जो बीजेपी के लिए सबसे आसान राज्य माना जा रहा था उसी यूपी में बीजेपी की सीटें घटकर आधे से भी कम हो गई इस सवाल पर मंथन दिल्ली में हो रहा है।
नये सिरे से यूपी का समीकरण सधेगी बीजेपी
सियासी तौर पर यूपी जैसे महत्वपूर्ण राज्य में बीजेपी की दुर्गति ने शीर्ष नेतृत्व को हिला कर रख दिया है। यूपी को लेकर नये समीकरण तैयार करने की योजना बन रही है जिसके अंतर्गत संगठन और सरकार में कई इस्तीफ़े लिए जाएँगे। संगठन में हार के कारणों की समीक्षा की जा रही है और बिंदुवार रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि संगठन के कई पदाधिकारियों और सरकार में मंत्रियों की जवाबदेही तय की जाएगी और इस्तीफ़ा लिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि मोदी सरकार 3.0 के गठन के बाद यूपी में सरकार के मौजूदा स्वरूप और संगठन में व्यापक बदलाव होंगे। योगी मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों ने चुनाव जीता है ऐसे में उन्हें केंद्र में महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियाँ मिलने की संभावना है। अनूप प्रधान वाल्मिकी योगी सरकार में राजस्व मामलों के राज्य मंत्री हैं। जबकि जितिन प्रसाद, लोक निर्माण विभाग यानी PWD के कैबिनेट मंत्री हैं। यह दोनों नेता योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगे। साथ ही, कुछ अन्य मंत्रियों को भी परफॉरमेंस के आधार पर मंत्रिमंडल से बाहर किया जाएगा।
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वाराणसी में उत्तर प्रदेश सरकार में तीन मंत्री और 8 विधायक वाले पीएम के संसदीय क्षेत्र में पीएम मोदी का अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार से महज डेढ़ लाख के अंतर से जीतने की वजह से यहाँ के भी मंत्रियों/प्रभारियों/पदाधिकारियों पर भी तलवार लटकी हुई है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक़ वाराणसी कोटे से भी मंत्रियों की संख्या कम की जा सकती है।
एक्शन में योगी, अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
लोकसभा चुनावों में यूपी में आशातीत सफलता नहीं मिलने के बाद गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने मिशन रोजगार के अपने एजेंडे पर जोर देते हुए खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज से आगे बढ़ाने की बात कही है। दरअसल, यूपी में पेपर लीक और बेरोज़गारी के मुद्दे के चलते युवा वोटर्स ने बीजेपी से मुँह मोड़ लिया था जिसकी वजह से भी बीजेपी को अच्छा ख़ासा नुक़सान झेलना पड़ा है। सीएम योगी ने बैठक में साफ कहा कि खाली पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू करें। भर्ती कब तक पूरी होगी इसकी जानकारी भी उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग से साझा करें।
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