द लोकतंत्र: मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी की खबरों में आपने ‘ब्लैक मनी’ यानी काले धन का जिक्र जरूर सुना होगा। नोटबंदी के समय यह शब्द सुर्खियों में था, लेकिन क्या आपने कभी ‘रेड मनी’ और ‘पिंक मनी’ के बारे में सुना है? ये शब्द भले ही आम बातचीत में कम सुनाई दें, लेकिन इनका असर हमारी अर्थव्यवस्था, समाज और सुरक्षा पर बहुत गहरा होता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये तीनों शब्द क्या हैं और इनका क्या महत्व है।
ब्लैक मनी क्या है?
ब्लैक मनी यानी काला धन वह धन होता है जिसे अवैध तरीकों से कमाया गया हो और जिसे टैक्स अथॉरिटीज से छिपाया गया हो। इसमें भ्रष्टाचार, रिश्वत, टैक्स चोरी, धोखाधड़ी जैसी गतिविधियों से उत्पन्न धन शामिल होता है। ब्लैक मनी का इस्तेमाल आमतौर पर नकद लेन-देन में होता है ताकि उसकी ट्रैकिंग मुश्किल हो जाए। सरकार ने इसे रोकने के लिए नोटबंदी, जीएसटी और मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून जैसे कदम उठाए हैं। यह धन अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता की कमी और समान अवसरों के सिद्धांत को नुकसान पहुंचाता है।
रेड मनी क्या है?
रेड मनी भी ब्लैक मनी की तरह ही गैरकानूनी धन होता है, लेकिन इसका स्रोत विशेष रूप से आपराधिक गतिविधियां होती हैं। इसमें आतंकवाद से जुड़ी फंडिंग, संगठित अपराध, तस्करी और हिंसक गतिविधियों से अर्जित पैसा शामिल होता है। ‘रेड’ शब्द खतरे का प्रतीक है, और यह धन न केवल अर्थव्यवस्था को अस्थिर करता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालता है। सरकार की सुरक्षा एजेंसियां इस प्रकार की फंडिंग की पहचान और रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता बरतती हैं।
पिंक मनी क्या है?
पिंक मनी उन गतिविधियों से उपजे धन को कहते हैं जो समाज की नैतिकता और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाती हैं, जैसे कि अवैध नशीले पदार्थों की बिक्री, जुए और सट्टेबाजी से कमाया गया पैसा। यह धन समाज में अपराध और व्यसन की प्रवृत्ति को बढ़ाता है और युवा पीढ़ी के भविष्य को अंधकारमय बना सकता है। हालांकि ‘पिंक’ शब्द आमतौर पर कोमलता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन यहां इसका प्रयोग व्यंग्यात्मक रूप से किया गया है क्योंकि इस प्रकार का धन सामाजिक ताने-बाने को भीतर से खोखला करता है।
ब्लैक मनी, रेड मनी और पिंक मनी तीनों ही प्रकार के धन हमारे देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक हैं। इनका पता लगाना और इन पर नियंत्रण पाना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि प्रत्येक नागरिक को भी इसके खिलाफ जागरूक रहना होगा। काले धन के ये तीन रंग जितने दिखने में अलग हैं, उनके प्रभाव उतने ही खतरनाक और व्यापक हैं।