द लोकतंत्र: भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) ने अपनी नेता और तेलंगाना विधान परिषद (MLC) सदस्य के. कविता को मंगलवार (2 सितंबर) को पार्टी से निलंबित कर दिया। पार्टी ने स्पष्ट किया कि कविता की हालिया गतिविधियां और बयान पार्टी के खिलाफ रहे, जिससे संगठन की छवि को नुकसान पहुंचा।
सबसे अहम बात यह है कि निलंबन का फैसला उनके पिता और पार्टी अध्यक्ष, साथ ही तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने लिया। पार्टी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर यह निर्णय सार्वजनिक किया।
पार्टी का आधिकारिक बयान
BRS की ओर से जारी बयान में कहा गया, “एमएलसी के. कविता की हाल की गतिविधियां और पार्टी विरोधी बयानबाजी बीआरएस को नुकसान पहुंचा रही हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पार्टी अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है।”
निलंबन से पहले का विवाद
निलंबन से एक दिन पहले ही कविता ने पार्टी में हलचल मचा दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि BRS के सहयोगी नेता उनके पिता KCR की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता टी. हरिश राव और पूर्व सांसद मेघा कृष्ण रेड्डी पर आरोप लगाया था कि वे भ्रष्टाचार के मामलों में उनके पिता को बलि का बकरा बनाने की योजना बना रहे हैं। कविता ने यहां तक कहा था कि वे पार्टी छोड़ सकती हैं और संकेत दिए थे कि उनका इस्तीफा तय है।
पहले भी रही हैं चर्चा में
कविता का यह पहला विवाद नहीं है। 2023 में BRS की हार के बाद भी उन्होंने पार्टी के अंदरूनी मामलों पर खुलकर आलोचना की थी। उस समय उनके बयानों को पार्टी नेतृत्व ने अनुशासनहीनता माना था।
इसके अलावा कविता ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ संभावित गठजोड़ का विरोध भी किया था और कई मौकों पर पार्टी के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बोल चुकी थीं। इन सभी घटनाओं के बाद पार्टी ने आखिरकार कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया।
निलंबन का राजनीतिक असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि के. कविता का निलंबन न सिर्फ BRS के अंदरूनी विवादों को उजागर करता है, बल्कि तेलंगाना की राजनीति पर भी इसका असर पड़ सकता है। पार्टी में KCR और उनके परिवार की भूमिका लंबे समय से चर्चा का विषय रही है। ऐसे में कविता का सस्पेंशन BRS के भविष्य के लिए बड़ा संकेत माना जा रहा है।