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CEC Gyanesh Kumar on Rahul Gandhi: चुनाव आयोग ने आरोपों को बताया झूठा, 7 दिन में सबूत दो या देश से माफी मांगो

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द लोकतंत्र: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हालिया बयानों पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव आयोग और मतदाता सूची को लेकर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और झूठे हैं। यदि उनके पास अपने दावे का सबूत है तो उन्हें 7 दिन के भीतर शपथपत्र (हलफनामा) देना चाहिए, अन्यथा उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी होगी।

CEC ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “मतदाता सूची को शुद्ध करना एक साझा ज़िम्मेदारी है। बिहार में यह कार्य बूथ लेवल अधिकारियों, बूथ एजेंटों और राजनीतिक दलों के सहयोग से किया जा रहा है।”

1 अगस्त के बाद कोई आपत्ति नहीं
उन्होंने जानकारी दी कि 1 अगस्त से अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने मतदाता सूची पर औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि इसका दो ही मतलब हो सकता है, या तो मसौदा सूची पूरी तरह सही है, या फिर राजनीतिक दलों ने गंभीरता से समीक्षा नहीं की।

CEC ने आगे कहा कि चुनाव आयोग मानता है कि सूची में त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए सुधार की प्रक्रिया अभी जारी है। “1 सितंबर तक सभी मान्यता प्राप्त पार्टियों को अवसर है कि वे त्रुटियों की ओर इशारा करें। आयोग उन त्रुटियों को दूर करने के लिए तैयार है। लेकिन यदि इस समय सीमा के बाद आरोप लगाए जाते हैं, तो इसकी ज़िम्मेदारी राजनीतिक दलों की होगी,” उन्होंने स्पष्ट किया।

राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष हमला
ज्ञानेश कुमार ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह के बयान जनता को गुमराह करने वाले हैं। उन्होंने कहा, “यदि किसी के पास सबूत है तो सामने लाए। चुनाव आयोग पर झूठे आरोप लगाकर देश के मतदाताओं के विश्वास को चोट पहुंचाना ठीक नहीं है।”

उन्होंने यह भी कहा कि यदि राहुल गांधी अपने आरोपों को साबित करने में नाकाम रहते हैं, तो उन्हें न केवल चुनाव आयोग बल्कि देश के करोड़ों मतदाताओं से भी माफी मांगनी चाहिए।

पारदर्शिता पर ज़ोर
CEC ने दोहराया कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पूरी तरह पारदर्शी है और इसमें सभी राजनीतिक दल बराबरी से शामिल हैं। “यह मतदाता सूची का मसौदा है, इसमें गलतियां निकल सकती हैं। लेकिन आयोग सभी को सुधार का अवसर देता है। पारदर्शिता और विश्वसनीयता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

उन्होंने कहा कि “आरोप लगाने के बजाय जिम्मेदारी से काम करना ही लोकतंत्र की मजबूती का रास्ता है।”

Team The Loktantra

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लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

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