द लोकतंत्र/ रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शनिवार (20 सितंबर) को रायपुर के सेरीखेड़ी में आयोजित गुरु तेगबहादुर जी की 350वीं शहादत शताब्दी के अवसर पर निकली नगर कीर्तन यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गुरु तेगबहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने धर्म और देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
सीएम साय ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने पंच प्यारों का सम्मान किया और उन्हें पवित्र सिरोपा एवं कृपाण भेंट की गई।
10 हजार किमी की यात्रा के बाद छत्तीसगढ़ पहुंची शोभायात्रा
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह नगर कीर्तन यात्रा असम के गुरुद्वारा धुबरी साहिब से शुरू होकर देश के कई राज्यों से गुजरते हुए लगभग 10 हजार किलोमीटर का सफर तय कर छत्तीसगढ़ पहुंची है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व और सौभाग्य का क्षण है कि हमें इस ऐतिहासिक यात्रा का स्वागत करने का अवसर मिला।
धर्म की रक्षा के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान – सीएम साय
सीएम ने कहा कि गुरु तेगबहादुर जी ने मुगलों के सामने कभी सिर नहीं झुकाया और सिख धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। आज भी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब उनकी शहादत का प्रतीक है। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों के बलिदान का भी उल्लेख किया।
साय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबजादों की वीरता को सम्मान देते हुए हर साल 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ मनाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी वीर बाल दिवस को राज्य के पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
इस अवसर पर विधायक सुनील सोनी, सीएसआईडीसी अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष संजय वास्तव, नि:शक्तजन वित्त एवं विकास निगम अध्यक्ष लोकेश कांवड़िया, बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष वर्णिका शर्मा, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा, डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना, बलदेव सिंह भाटिया, गुरचरण होरा, गुरुद्वारा कमेटियों के प्रमुख और बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु मौजूद रहे।