द लोकतंत्र/ छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ के किसानों, उत्पादकों, निर्यातकों और उद्यमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य की राजधानी रायपुर में जल्द ही APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अथक प्रयासों और भारत सरकार की स्वीकृति के बाद लिया गया है। यह कदम न केवल छत्तीसगढ़ के कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि राज्य को वैश्विक एक्सपोर्ट हब के रूप में उभरने में भी मदद करेगा।
अब निर्यात की सुविधाएं रायपुर में ही उपलब्ध
APEDA कार्यालय के खुलने से अब छत्तीसगढ़ के किसानों, मिलेट उत्पादकों, MSME उद्यमियों और स्टार्टअप्स को दिल्ली या अन्य महानगरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ट्रेनिंग, गुणवत्ता प्रमाणीकरण, पैकेजिंग-लेबलिंग, लैब टेस्टिंग और फाइटो-सेनेटरी सर्टिफिकेट जैसी तमाम जरूरी सेवाएं अब रायपुर में ही उपलब्ध होंगी। यह निर्यात प्रक्रिया को सरल, सुलभ और सस्ती बना देगा।
APEDA कार्यालय से निर्यात प्रक्रिया में लगने वाला समय और खर्च दोनों कम होंगे, जिससे किसानों और उत्पादकों को बेहतर दाम मिलेंगे। खासतौर पर छत्तीसगढ़ी चावल, कोसा सिल्क, हल्दी, सब्ज़ियाँ, फल और मोटे अनाज (मिलेट्स) जैसे उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँचने का सुनहरा अवसर मिलेगा। इससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
छत्तीसगढ़ को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान
APEDA वैश्विक स्तर पर ब्रांड प्रमोशन, मार्केटिंग और ट्रेड फेयर में भागीदारी जैसी सेवाएं भी उपलब्ध कराता है। इसके जरिए छत्तीसगढ़ के उत्पादों को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर प्रमोट किया जाएगा। यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल टू ग्लोबल’ के विजन को मजबूती देने वाली साबित होगी।
रायपुर स्थित कार्यालय के माध्यम से किसानों को गुणवत्ता नियंत्रण, इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स की जानकारी, पैकेजिंग और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे कृषि उत्पादों की वैश्विक मांग के अनुरूप उत्पादन संभव होगा और किसान वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होंगे।
बुनियादी ढांचे और स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा
APEDA केवल सलाह नहीं देता, बल्कि फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस जैसे आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में भी सहयोग करता है। इसके अतिरिक्त, MSME और कृषि आधारित स्टार्टअप्स को सब्सिडी, स्किल डेवलपमेंट और योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। पहले जो योजनाएं केवल गिने-चुने राज्यों तक सीमित थीं, अब उनका लाभ छत्तीसगढ़ के युवाओं और उद्यमियों को भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया गेम-चेंजर
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस फैसले को कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, यह निर्णय राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगा, किसानों की आय बढ़ाएगा और छत्तीसगढ़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएगा।
यह पहल निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट के नए युग में प्रवेश दिलाएगी और राज्य की सस्टेनेबल एवं समावेशी आर्थिक प्रगति को बल देगी।