द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। मंगलवार (9 सितंबर, 2025) को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को भारी अंतर से हराया। राधाकृष्णन को चुनाव में 452 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को केवल 300 वोट हासिल हुए। इस प्रकार उन्होंने 150 से ज्यादा वोटों के अंतर से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
इस चुनाव का सबसे बड़ा सरप्राइज यह रहा कि सीपी राधाकृष्णन को एनडीए सांसदों की कुल संख्या से भी ज्यादा वोट मिले। वहीं, विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को कांग्रेस की ओर से किए गए 315 सांसदों के समर्थन के दावे से भी कम वोट मिले। इसने विपक्षी एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए।
एनडीए को मिला अपेक्षा से अधिक समर्थन
एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को गठबंधन की कुल सांसद संख्या से भी अधिक वोट मिले। जिसका मतलब है कि विपक्षी खेमे से भी बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग हुई। बताया जा रहा है कि राधाकृष्णन को एनडीए के अलावा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के 11 सांसदों का समर्थन भी मिला। इसके अतिरिक्त 14 वोट और मिले हैं, लेकिन इन सांसदों की पार्टी पहचान का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।
वहीं, इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीद के मुताबिक़ समर्थन नहीं मिला। कांग्रेस ने दावा किया था कि उनके पास 315 सांसदों का समर्थन है, लेकिन वोटों का आँकड़ा इससे कम रहा। यह विपक्षी गठबंधन की एकजुटता और समन्वय पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
14 सांसदों ने नहीं लिया चुनाव में हिस्सा
इस चुनाव में कुछ दलों ने मतदान से दूरी बनाई। बीजेडी, बीआरएस और शिरोमणि अकाली दल ने उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया। बीजेडी के पास राज्यसभा में 7 सांसद हैं, जबकि बीआरएस के पास केवल राज्यसभा में सांसद हैं और लोकसभा में कोई सदस्य नहीं है। शिरोमणि अकाली दल की लोकसभा में एकमात्र सांसद हरसिमरत कौर भी इस प्रक्रिया से दूर रहीं। इसके अलावा वारिस पंजाब दे के सांसद सरबजीत सिंह खालसा और अमृतपाल सिंह ने भी मतदान नहीं किया। कुल मिलाकर 14 सांसदों ने इस चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य होते हैं। इनमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य, 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य शामिल हैं। मौजूदा समय में राज्यसभा की 5 और लोकसभा की 1 सीट खाली है। इस लिहाज़ से इस बार कुल 781 सदस्य चुनाव में शामिल होने के पात्र थे, लेकिन वास्तविक मतदान में 767 सांसदों ने हिस्सा लिया।
सीपी राधाकृष्णन की यह जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह परिणाम बताता है कि संसद के भीतर एनडीए की पकड़ मजबूत है और विपक्षी खेमे में एकजुटता की कमी है। इसके अलावा, चुनाव में हुए क्रॉस वोटिंग ने भी एनडीए की रणनीति को और मज़बूत किया है। राधाकृष्णन अब भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालेंगे।

