द लोकतंत्र/ लखनऊ : उत्तर प्रदेश में यूपी एसटीएफ (UP STF) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात पशु तस्कर और एक लाख के इनामी अपराधी जुबैर को रामपुर एनकाउंटर (Rampur Encounter) में ढेर कर दिया। जुबैर, गोरखपुर के चर्चित NEET अभ्यर्थी दीपक गुप्ता हत्याकांड (NEET Student Deepak Gupta Murder Case) का मुख्य आरोपी था। लंबे समय से फरार चल रहे जुबैर पर पुलिस और एसटीएफ की नज़र थी। आखिरकार 26 सितंबर को उसे एनकाउंटर में मार गिराया गया।
दीपक गुप्ता के परिवार ने जताई नाखुशी
हालांकि इस एनकाउंटर के बाद भी पीड़ित परिवार ने संतोष नहीं जताया। दीपक गुप्ता के माता-पिता ने कहा कि जब तक सभी आरोपी तस्करों को एनकाउंटर में खत्म नहीं किया जाता और उनके घर पर बुलडोज़र एक्शन (Bulldozer Action) नहीं होता, तब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बेटा कभी लौटकर नहीं आएगा, लेकिन उसके हत्यारों को कड़ी सजा जरूर मिलनी चाहिए।
परिजनों ने 1 करोड़ रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और छोटे बेटे प्रिंस की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की मांग की है। दीपक की मां सीमा देवी और पिता दुर्गेश ने भावुक होकर कहा कि उनका बेटा डॉक्टर बनने का सपना देख रहा था और क्रिकेट में भी अच्छा था, लेकिन तस्करों ने उसकी जिंदगी छीन ली।
गोरखपुर का चर्चित हत्याकांड
यह मामला 15 सितंबर का है जब गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के महुआचाफी गांव में पशु तस्करी के दौरान तस्करों ने 19 वर्षीय NEET छात्र दीपक गुप्ता की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद गांव में भारी आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने चक्का जाम और पुलिस पर पथराव तक किया। इस दौरान गांव वालों ने बिहार के गोपालगंज निवासी तस्कर अजब उर्फ अजहर हुसैन को पकड़कर पीटा था। पुलिस ने उसे बचाकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई।
बड़ी सफलता लेकिन अधूरा न्याय
जुबैर की मौत से यूपी पुलिस और एसटीएफ को बड़ी सफलता जरूर मिली है, लेकिन दीपक गुप्ता का परिवार अब भी अधूरा न्याय महसूस कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक सभी आरोपी मारे नहीं जाते और प्रशासन बुलडोजर चलाकर तस्करों के घरों को ध्वस्त नहीं करता, तब तक उन्हें चैन नहीं मिलेगा।