Advertisement Carousel
National

पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में रिकॉर्ड कमी के बावजूद दिल्ली की ‘Air Quality’ दमघोंटू क्यों? CAQM के आँकड़ों पर विश्लेषण

The loktnatra

द लोकतंत्र : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण का संकट हर सर्दी में गहन चिंता का विषय बन जाता है। इस चुनौती के बीच, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) द्वारा जारी आँकड़े एक विरोधाभास प्रस्तुत करते हैं। आधिकारिक रिकॉर्डिंग अवधि (15 सितंबर से 30 नवंबर) के समाप्त होने पर CAQM ने पुष्टि की है कि पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाने की घटनाओं में रिकॉर्ड-तोड़ कमी आई है। बावजूद इसके, दिल्ली की आबोहवा का प्रदूषित और दमघोंटू बना रहना गंभीर सवाल खड़े करता है: क्या प्रदूषण का अति-राजनीतिकरण हो रहा है, और क्या समस्या की जड़ें अब स्थानीय स्रोतों में ज्यादा गहरी हैं?

रिकॉर्ड गिरावट और प्रबंधन का प्रभाव

CAQM के आँकड़ों के अनुसार, 2025 के धान की कटाई के मौसम में खेतों में आग लगने की सबसे कम घटनाएँ दर्ज की गई हैं।

  • पंजाब: इस मौसम में केवल 5,114 घटनाएँ दर्ज की गईं, जो 2024 की तुलना में 53% और 2021 की तुलना में 93% की अभूतपूर्व कमी को दर्शाती है।
  • हरियाणा: हरियाणा ने भी 662 घटनाओं के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया, जो 2024 की तुलना में 53% की कमी है।

यह सफलता राज्य और जिला विशिष्ट एक्शन प्लान को लागू करने, फसल अवशेष मैनेजमेंट मशीनरी की 大規模 तैनाती और एक्स-सिटू (Ex-Situ) उपयोग पर ज़ोर देने से संभव हुई है। बायोमास से एनर्जी बनाना, बायो-इथेनॉल उत्पादन और इंडस्ट्रियल बॉयलर में पेलेट्स/ब्रिकेट्स का उपयोग जैसे उपायों ने अहम भूमिका निभाई है।

प्रदूषण का अनसुलझा सवाल

CAQM के सकारात्मक आँकड़ों के बावजूद, दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता का खराब स्तर स्थानीय प्रदूषण के स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

  • स्थानीय कारण: विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रदूषण का एक बड़ा हिस्सा सर्दियों के मौसम में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियों की धूल, औद्योगिक इकाइयाँ और ठंड के कारण जमीनी सतह पर प्रदूषकों का जमाव होता है। पराली का योगदान कम होने के बावजूद, स्थानीय स्रोतों की अभूतपूर्व सघनता दिल्ली की हवा को खराब करती रहती है।
  • राजनीति बनाम समाधान: प्रदूषण के मसले पर पड़ोसी राज्यों पर दोषारोपण की राजनीति अक्सर प्रभावी और स्थायी समाधान की राह में बाधा डालती है। CAQM द्वारा साल भर निगरानी के लिए चंडीगढ़ में एक विशेष सेल का गठन सकारात्मक है, लेकिन दिल्ली और NCR राज्यों को अपने स्थानीय स्रोतों पर कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

निरंतर और मजबूती से लागू किए गए उपायों से आने वाले सालों में समग्र वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है, लेकिन लक्ष्य को हासिल करने के लिए केवल पराली पर ध्यान केंद्रित करना पर्याप्त नहीं होगा।

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Sanjay Singh AAP
National

राज्यसभा सांसद संजय सिंह क्यों हुए निलंबित, क्या है निलंबन के नियम

द लोकतंत्र : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन (राज्यसभा) में हंगामा और
HSBC
National

HSBC की रिपोर्ट में महंगाई का संकेत, 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान

द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं