द लोकतंत्र : देश की राजधानी दिल्ली में पिछले माह लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट के मामले की जांच में सेंट्रल एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है। गिरफ्तार आतंकी दानिश के मोबाइल फ़ोन से डिजिटल फोरेंसिक जांच के दौरान कई अहम और खौफनाक जानकारियां सामने आई हैं। डिलीट की गई हिस्ट्री, फोटो, वीडियो और ऐप डेटा खंगालने पर पता चला है कि दानिश ड्रोन तकनीक और हथियारों को लेकर सक्रिय रूप से काम कर रहा था, जो भारत में आतंकवाद के बदलते स्वरूप की ओर इशारा करता है।
आतंकी के फ़ोन से बरामद विस्फोटक साक्ष्य
जांच एजेंसियों ने दानिश के फ़ोन से बरामद हुए साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि वह किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहा था।
- ड्रोन डिज़ाइन और स्वीकारोक्ति: फोन से दर्जनों ड्रोन की तस्वीरें मिली हैं, जिनमें हमास की तरह इस्तेमाल होने वाले ड्रोन के डिजाइन भी शामिल हैं। पूछताछ में दानिश ने स्वीकार किया है कि वह ड्रोन हमले की तैयारी कर रहा था और लगभग 25 किलोमीटर तक उड़ान भरकर वार कर सकने वाले हल्के ड्रोन बनाने की कोशिश में था।
- विस्फोटक सामग्री के वीडियो: ड्रोन की तस्वीरों के अलावा रॉकेट लॉन्चर की कई तस्वीरें और दर्जनों वीडियो भी मिले हैं, जिनमें ड्रोन बनाना, उसे मॉडिफाई करना और उसमें विस्फोटक लगाने के तरीके विस्तार से बताए गए हैं।
NIA की कार्रवाई और विदेशी कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया है कि दानिश को यह सभी जानकारी एक खास ऐप के जरिए भेजी जा रही थी, जिसमें कई विदेशी नंबर भी मिले हैं।
- नेटवर्क और छापे: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अब इन विदेशी संपर्कों और दानिश के नेटवर्क का पता लगा रही है। इस सिलसिले में NIA ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के शोपियां, कुलगाम, पुलवामा और अवंतीपोरा जिलों में आठ ठिकानों सहित उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक परिसर पर छापे मारे।
- जब्त सामग्री: NIA ने अपने बयान में कहा कि तलाशी के दौरान विभिन्न डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है।
जांच एजेंसियों का यह मानना है कि आतंकवादी संगठनों द्वारा ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। यह मामला स्पष्ट करता है कि सुरक्षा एजेंसियों को तकनीकी रूप से सक्षम आतंकवादियों के इस नए खतरे से निपटने के लिए अपनी रणनीतियों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

