द लोकतंत्र : देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार (10 नवंबर) को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के समीप खड़ी एक कार में हुए भीषण विस्फोट ने एक बार फिर शहर की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। इस दुखद घटना में अब तक 8 लोगों की मौत की खबर सामने आई है, जबकि कई लोग घायल हैं। यह धमाका, जो ऐतिहासिक लाल किले से महज 500 मीटर की दूरी पर हुआ है, ने तत्काल ही NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और फोरेंसिक टीमों को सक्रिय कर दिया है। पुलिस अभी यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि यह एक बम ब्लास्ट था या कार के CNG टैंक में विस्फोट।
पृष्ठभूमि: दिल्ली के काले पन्नों पर दर्ज धमाकों का इतिहास
यह घटना इसलिए भी अधिक चिंताजनक है क्योंकि दिल्ली का इतिहास भीषण धमाकों और आतंकी हमलों से भरा पड़ा है। राजधानी में हुए पुराने धमाकों की सूची यह दर्शाती है कि शहर अक्सर आतंकवादियों के निशाने पर रहा है।
| वर्ष | दिनांक | स्थान | हताहत |
| 1996 | 25 मई | लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट | 16 मौत |
| 1997 | 1 अक्टूबर | सदर बाजार के पास (2 विस्फोट) | 30 घायल |
| 1997 | 10 अक्टूबर | शांतिवन, कौड़िया पुल, किंग्सवे कैंप (3 विस्फोट) | 1 मौत, 16 घायल |
| 1997 | 18 अक्टूबर | रानी बाग मार्केट (डबल विस्फोट) | 1 मौत, 23 घायल |
| 1997 | 26 अक्टूबर | करोल बाग मार्केट (2 विस्फोट) | 1 मौत, 34 घायल |
| 1997 | 30 नवंबर | रेड फोर्ट क्षेत्र (डबल विस्फोट) | 3 मौत, 70 घायल |
| 1997 | 30 दिसंबर | पंजाबी बाग के पास बस में विस्फोट | 4 मौत, 30 घायल |
| 2000 | 27 फरवरी | पहाड़गंज | 8 घायल |
| 2000 | 16 मार्च | सदर बाजार | 7 घायल |
| 2000 | 18 जून | रेड फोर्ट के निकट (2 विस्फोट) | 2 मौत, दर्जनभर घायल |
| 2005 | 22 मई | लिबर्टी एवं सत्यं सिनेमा हॉल (2 विस्फोट) | 1 मौत, 60 घायल |
| 2005 | 29 अक्तूबर | सरोजिनी नगर, पहाड़गंज, गोविंदपुरी (2 विस्फोट) | 59-62 मौत, 100+ घायल |
| 2006 | 14 अप्रैल | जामा मस्जिद (2 विस्फोट) | 14 घायल |
| 2008 | 13 सितंबर | करोल बाग, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश-I (5 विस्फोट) | 20-30 मौत, 90+ घायल |
| 2008 | 27 सितंबर | मेहरौली के फ्लावर मार्केट (सराय) | 3 मौत, 23 घायल |
| 2011 | 25 मई | दिल्ली हाई कोर्ट पार्किंग | कोई मौत नहीं |
ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि दिल्ली हमेशा से आतंकवादी हमलों के निशाने पर रही है, और आज की घटना ने एक बार फिर राजधानी की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वर्तमान कार्रवाई और सुरक्षा चुनौतियाँ
धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने High Alert जारी कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके को घेर लिया है, और CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। $UP$ और मुंबई में भी High Alert घोषित कर दिया गया है। मुंबई पुलिस ने कई इलाकों में पेट्रोलिंग और चेकिंग बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों की राय और निष्कर्ष
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि लाल किले जैसे ऐतिहासिक और भीड़-भाड़ वाले स्थल के समीप विस्फोट होना एक बड़ी सुरक्षा विफलता है। एक विशेषज्ञ ने टिप्पणी की, “दिल्ली का लंबा और दुखद आतंकी इतिहास बताता है कि सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। हमें न केवल जांच में तेजी लानी होगी, बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर वाहनों की आवाजाही और पार्किंग के नियमों को अत्यधिक कठोर बनाना होगा।” NIA और फोरेंसिक टीमों को त्वरित जांच कर यह सुनिश्चित करना होगा कि विस्फोट के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है, ताकि अतीत की तरह राजधानी को फिर से दहलाने के किसी भी प्रयास को रोका जा सके।

