द लोकतंत्र: दिल्ली में बाढ़ के हालात एक बार फिर गंभीर होते जा रहे हैं। केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने बुधवार को नई एडवाइजरी जारी करते हुए चेतावनी दी है कि यमुना का जलस्तर 3 सितंबर की रात 8 बजे तक 207.40 मीटर तक पहुंच सकता है। यह स्तर खतरे के निशान के बेहद करीब है। राजधानी के निचले इलाकों में पानी घुसने से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
फिलहाल यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पानी कई कॉलोनियों और बस्तियों तक पहुंच चुका है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी किनारे बसे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की अपील की है। राहत और बचाव टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं।
बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी ने बढ़ाई मुश्किल
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में ऊपरी राज्यों में भारी बारिश हुई है, जिसकी वजह से यमुना में पानी का प्रवाह तेज हो गया है। मौसम विभाग ने भी अगले दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
अधिकारियों के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज से 1.70 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जबकि वजीराबाद और ओखला बैराज से भी लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है।
निचले इलाकों में अलर्ट, लोगों को शिफ्ट किया जा रहा
दिल्ली सरकार ने यमुना किनारे रहने वाले लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं और राहत कैंप बनाए गए हैं।
दिल्ली के PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने आईटीओ बैराज का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि 2023 जैसी स्थिति इस बार नहीं बनने दी जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया कि जो लोग यमुना बेल्ट में रह रहे हैं, उन्हें रेस्क्यू कर स्कूलों में बनाए गए राहत शिविरों में भेजा जा रहा है।
इन इलाकों में घुसा पानी
ट्रांस-यमुना क्षेत्र, मयूर विहार फेज-1, यमुना बाजार और नजफगढ़ क्षेत्र के झरोड़ा कलां गांव में पानी घुस चुका है। मंगलवार की भारी बारिश के बाद कई लोग पानी में फंस गए थे, जिन्हें पुलिस और रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला।
प्रशासन की ओर से नावों और अन्य साधनों से लोगों को राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। इन शिविरों में खाने-पीने से लेकर मेडिकल सुविधा तक उपलब्ध कराई जा रही है।
अगले 48 घंटे बेहद अहम
CWC ने कहा है कि बुधवार रात 8 बजे तक यमुना का जलस्तर 207.40 मीटर तक पहुंच सकता है। इसके बाद जलस्तर बढ़ेगा, घटेगा या स्थिर रहेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बैराज से कितना पानी छोड़ा जाता है।
अधिकारियों ने साफ किया है कि अगले 24 से 48 घंटे बेहद अहम हैं। यदि बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा बढ़ी, तो राजधानी में बाढ़ का खतरा और गंभीर हो सकता है।