द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : भारत ने एशिया कप-2025 फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब तो जीता ही, लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर और भी ज्यादा शर्मसार कर दिया। भारतीय क्रिकेट टीम ने जीत की ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया। यह फैसला भारत का तल्ख़ संदेश था कि आतंकवाद को पोषित करने वाले पाकिस्तान के साथ किसी भी मंच पर कोई रिश्ता संभव नहीं।
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को भारत ने आतंकवाद के लिए किया जलील
फाइनल मैच भारतीय समयानुसार करीब रात 12 बजे खत्म हुआ। भारत की शानदार जीत के बाद पूरी दुनिया को प्रेजेंटेशन का इंतजार था, लेकिन यह करीब 1 बजकर 16 मिनट तक टलता रहा। डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक भारतीय खिलाड़ी पोडियम के पास बैठे रहे, वहीं एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रेसिडेंट और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन मोहसिन नकवी मंच पर खड़े रहे। लेकिन भारतीय टीम ने ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया। यह दृश्य क्रिकेट के इतिहास में अभूतपूर्व रहा।
खिलाड़ियों का सम्मान, लेकिन ट्रॉफी नहीं
पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन के दौरान तिलक वर्मा को उनकी जुझारू नाबाद 69 रन की पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। टूर्नामेंट में 314 रन बनाने वाले अभिषेक शर्मा को प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड मिला। दिलचस्प बात यह रही कि इन दोनों पुरस्कारों को मोहसिन नकवी ने नहीं दिया। जब टीम इंडिया को ट्रॉफी देने का समय आया, तो प्रेजेंटर साइमन डूल ने साफ कहा कि भारतीय टीम इस बार ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेगी।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख
टीम इंडिया के इस फैसले ने साफ कर दिया कि भारत का नजरिया खेल तक सीमित नहीं है। यह कदम पाकिस्तान के लिए एक कूटनीतिक और सियासी संदेश था कि भारत आतंकवाद को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा। चाहे क्रिकेट का मंच हो या अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, पाकिस्तान तब तक अलग-थलग ही रहेगा जब तक वह आतंकवाद की नीति छोड़ नहीं देता।
बता दें, भारत ने फाइनल जीतकर एशिया कप का खिताब रिकॉर्ड 9वीं बार अपने नाम किया। लेकिन असली संदेश यह था कि आतंकवाद का पोषण करने वाले देश से भारत किसी भी तरह का सम्मान या ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेगा। यह कदम करोड़ों भारतीयों के दिलों में गर्व का कारण बना और सबने टीम इंडिया के इस फ़ैसले की खुले दिल से सराहना की।

