द लोकतंत्र : भारत लगातार अपनी सैन्य तकनीक को आधुनिक बनाने और आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। भारतीय वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमान Su-30MKI फाइटर जेट से स्वदेशी रूप से विकसित एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम का सफल परीक्षण किया गया है। इस शक्तिशाली हथियार को ‘गौरव’ नाम दिया गया है, जो दूर से ही उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है।
आधुनिक युद्ध की बदलती रणनीति
‘गौरव’ ग्लाइड बम आधुनिक युद्ध की बदलती सैन्य रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- कम जोखिम, अधिक मारक क्षमता: इस हथियार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह विमान को दुश्मन के जोखिम वाले क्षेत्र में डाले बिना उस पर प्रहार कर सकता है। हवा से छोड़े जाने के बाद, यह लंबी दूरी तक ग्लाइड (Glide) करता है और ठीक उसी स्थान पर जाकर वार करता है, जहाँ लक्ष्य मौजूद हो।
- एयर डिफेंस को चुनौती: ज्यादा दूरी से हमला करने की वजह से यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) को प्रभावी ढंग से चुनौती देता है। इसका भारी वजन और उच्च विनाश क्षमता इसे बंकरों, किलेबंद ठिकानों और पहाड़ी ठिकानों पर बेहद कारगर बनाती है।
Gaurav-PCB और Gaurav-PF
DRDO ने इस हथियार को भविष्य की विभिन्न आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए दो स्वरूपों में विकसित किया है:
- Gaurav-PCB (Penetration-Cum-Blast): यह वर्जन विशेष रूप से मजबूत संरचनाओं और जमीनी बंकरों को भेदने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन की स्थिति में अत्यंत उपयोगी साबित होगा, जहाँ दुश्मन कठोर ठिकानों में छिप सकता है।
- Gaurav-PF (Pre-Formed Fragments): इसका उपयोग खुले ठिकानों, सैन्य तैनाती या रणनीतिक लक्ष्य पर एक साथ कई हिस्सों में नुकसान पहुँचाने के लिए किया जाएगा। यह बड़े क्षेत्र को कवर करते हुए अधिकतम क्षति पहुँचाने की क्षमता रखता है।
भारतीय वायुसेना का Su-30MKI पहले से ही एक बहुआयामी लड़ाकू विमान है जो Rudram मिसाइल, SAAW हथियार प्रणाली और BrahMos-A जैसे उन्नत हथियारों से लैस है। अब ‘गौरव’ के जुड़ जाने से यह विमान लंबी दूरी से जमीन पर हमला (Air-to-Ground) करने में और भी अधिक सक्षम हो गया है। यह संयोजन वायु सेना को आधुनिक युद्ध के लिए ऐसी क्षमता देता है, जिसे दुनिया की बड़ी सेनाएं भी महत्व देती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ‘गौरव’ का सफल परीक्षण भारत की बदलती सैन्य रणनीति का संकेत है। आधुनिक युद्ध शैली में वही देश सक्षम है जो दूर से उच्च सटीकता के साथ प्रहार कर सके। यह स्वदेशी विकास न केवल आयात पर निर्भरता को कम करेगा, बल्कि भविष्य में वायु सेना की राजनीतिक शक्ति और रक्षा निर्यात की संभावनाओं को भी मजबूत करेगा।

