द लोकतंत्र : वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सदन में आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। सर्वेक्षण के अन्तर्गत कहा गया कि देश का वित्तीय क्षेत्र प्रगति के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। कर्ज के लिए बैंकों पर निर्भरता कम हो रही है और पूंजी बाजार की भूमिका बढ़ रही है। इसके साथ ही, भारत विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी 6.5 – 7 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई दर (Inflation Rate) के 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है जबकि वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है कि पूंजी बाजार पर निर्भरता और उसके इस्तेमाल की अपनी चुनौतियों भी हैं। ऐसे समय जब भारत का वित्तीय क्षेत्र इस महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है, तब उसे झटकों के लिए भी तैयार रहना होगा। इसके साथ ही, जरूरी हस्तक्षेप और जोखिम से बचाव को लेकर नियामकीय और सरकारी नीतियों के साथ खुद को तैयार करने की भी जरूरत है।
खाद्य महंगाई को बताया ग्लोबल चुनौती
वित्त मन्त्री द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक खाद्य महंगाई पिछले दो सालों से पूरी दुनिया के लिए चुनौती बनी हुई है। भारत में कृषि क्षेत्र को खराब मौसम का शिकार होना पड़ा है। जलाशय में कमी आ गई तो फसल को नुकसान हुआ है जिससे खाद्य उत्पादन में कमी आ गई तो खाद्य वस्तुओं की कीमतें इसके चलते बढ़ गई। इसका नतीजा ये हुआ कि खाद्य महंगाई दर वित्त वर्ष 2022-23 में 6.6 फीसदी थी वो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 7.5 फीसदी पर जा पहुंची है।
वित्त मंत्री ने कहा सरकार के प्रयासों से काबू में रही महँगायी
वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करते हुए बताया कि कोरोना महामारी, वैश्विक तनाव, सप्लाई-चेन डिरप्शन, असमान मानसून के चलते महंगाई में बढ़ोतरी देखी गई थी। अंतरराष्ट्रीय युद्ध और खराब मौसम के चलते खाद्य वस्तुएं महंगी हो गई जिससे भारत में गुड्स और सर्विसेज महंगी हो गई। लेकिन प्रशासनिक और मॉनिटरी पॉलिसी एक्शन के जरिए देश में महंगाई पर काबू पाने में सफलता मिली है। वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई दर 6.7 फीसदी रही थी उसे घटाकर वित्त वर्ष 2023-24 में 5.4 फीसदी पर लाने में सफलता मिली है।
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आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार की प्रतिबद्धता एक स्वस्थ और स्थिर बैंकिंग सिस्टम को लेकर रही है, इस दिशा में सरकार ने काफी काम किया है। यही वजह रही है कि भारत के के बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों ने FY24 में शानदार प्रदर्शन किया है। बता दें, सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने के बाद मंगलवार 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी। ये लगातार सातवां मौका होगा जब निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।