द लोकतंत्र : Farmers Protest हरियाणा और पंजाब से हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली पहुँचने की जद्दोजहद कर रहे हैं। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए पुलिस पूरी तैयारी के साथ तैनात है। शंभु बॉर्डर पर हालात बेक़ाबू होते जा रहे हैं और बॉर्डर का पूरा एरिया वॉर ज़ोन बन गया है। पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं तथा वाटर कैनन के माध्यम से आंदोलित किसानों को तितर बितर करने का प्रयास हो रहा है।
Farmers Protest कई मैंगो को लेकर दिल्ली कूँच कर रहे किसान
दरअसल, किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
शंभु बॉर्डर बना वॉर ज़ोन, पुलिस द्वारा बल प्रयोग
हालाँकि, किसानों को रोकने के लिए सीमावर्ती इलाकों में पुलिस द्वारा किलेबंदी की है। बैरिकेड्स, कीलें, मिट्टी, कंक्रीट की लेयर, पत्थर की दीवार, कटीले तार लगाए गए हैं। लेकिन दिल्ली में घुसने के लिए किसानों द्वारा उग्र प्रदर्शन किए जा रहे हैं जिसे रोकने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया जा रहा है। शंभु बॉर्डर पर पुलिस द्वारा फायरिंग किए जाने की वीडियो भी वायरल हो रही है। हिंसक झड़प में किसानों, पत्रकारों और कुछ पुलिस जवानों के चोटिल होने की सूचना सामने आ रही है। शंभु बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात बन गए हैं।
कांग्रेस ने दी स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने की गारंटी
किसानों के आंदोलन में अपनी सियासी ज़मीन तलाश कर रही कांग्रेस पार्टी ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने की गारंटी दी है। राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट के माध्यम से बताते हुए लिखा, किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है! कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार MSP की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है। यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।
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वहीं, किसानों के विरोध पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि वे केंद्र सरकार से बात करना चाहते थे, लेकिन केंद्र सरकार (अधिकारी) बात करने के लिए यहां आए हैं। दो बार बातचीत हो चुकी है और वे उनके साथ आगे की बातचीत से इंकार नहीं कर रहे हैं। फिर भी वे दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। वे दिल्ली ही क्यों जाना चाहते हैं? ऐसा लगता है कि उनका कोई और मकसद है। हम शांति भंग नहीं होने देंगे। किसानों को अपना आह्वान वापस लेना चाहिए।