द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि अब देश के 16 साल के युवा भी मतदान कर सकेंगे। यह फैसला सीधे तौर पर नेपाल की Gen Z पीढ़ी को सशक्त करता है, क्योंकि पहले यहां मतदान की उम्र 18 वर्ष थी। कार्की ने कहा कि सरकार ने चुनाव कानून में अध्यादेश के जरिए संशोधन किया है और आगामी 5 मार्च तक चुनाव कराने का वादा किया है।
जेन-जी की ताक़त को मिली मान्यता
नेपाल में हाल ही में हुए जेन-जी आंदोलन ने सत्ता की तस्वीर बदल दी। इस आंदोलन के दबाव के बाद अंतरिम सरकार बनी और अब युवाओं को मतदान का अधिकार देकर उनकी ताक़त को औपचारिक मान्यता दी गई है। सुशीला कार्की ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि ‘सितंबर क्रांति ने हमें नया रास्ता दिखाया है। यह सिर्फ आंदोलन नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा से उठी हुई पुकार थी।’
कार्की ने साफ कहा कि अब नेपाल का भविष्य युवा तय करेंगे। 16 से 18 वर्ष के मतदाता पहली बार देश के चुनावों में हिस्सा लेंगे और अपनी पसंद की सरकार चुन सकेंगे। उन्होंने सभी युवाओं से अपील की कि वे उत्साहपूर्वक भाग लें और ऐसे जनप्रतिनिधियों का चयन करें जो परिवर्तन की आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।
पारदर्शी चुनाव की तैयारी
अंतरिम प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जनशक्ति, बजट, सुरक्षा और कानूनी व्यवस्थाओं पर चर्चा हो चुकी है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, मीडिया और नागरिक समाज से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील की।
जेन-जी आंदोलन और मौतों पर कार्रवाई
सुशीला कार्की ने भरोसा दिलाया कि जेन-जी आंदोलन के दौरान हुई 74 मौतों के जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार समाप्त करने, सुशासन सुनिश्चित करने और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।