द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : दिवाली की चमक फीकी पड़ते ही कीमती धातुओं की रौनक भी मंद पड़ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और प्रॉफिट बुकिंग के चलते सोने-चांदी दोनों के दामों में तेज गिरावट देखने को मिल रही है। बीते दो हफ्तों में सोना करीब ₹12,000 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹36,000 प्रति किलोग्राम तक लुढ़क चुकी है।
इस अचानक आई गिरावट से निवेशकों में बेचैनी है, जबकि आम खरीदार अब इंतजार की मुद्रा में हैं। सवाल यह उठ रहा है कि क्या अब खरीदारी का यह सही मौका है या कीमतों में गिरावट का सिलसिला अभी और जारी रहेगा।
चांदी में महज 15 दिनों में ₹36,204 की भारी गिरावट
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 24 कैरेट सोने ने 17 अक्टूबर को ₹1,30,874 प्रति 10 ग्राम का रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन 28 अक्टूबर को यह घटकर ₹1,18,043 रह गया, यानी मात्र 12 दिनों में ₹12,831 की गिरावट दर्ज की गई। वहीं चांदी ने 14 अक्टूबर को ₹1,78,100 प्रति किलोग्राम का उच्चतम स्तर छुआ था, जो अब घटकर ₹1,41,896 पर आ गई है। इस तरह चांदी में महज 15 दिनों में ₹36,204 की भारी गिरावट आई है।
मंगलवार को भी कीमतों में कमजोरी का सिलसिला जारी रहा। IBJA के आंकड़ों के अनुसार, दोपहर 12 बजे 24 कैरेट सोना ₹1,19,164 था, जो शाम 5 बजे तक ₹1,18,043 पर आ गया — यानी महज पांच घंटे में ₹1,121 की गिरावट। सोमवार के मुकाबले भी सोना ₹3,034 सस्ता हुआ। इसी तरह चांदी भी दोपहर में ₹1,43,400 प्रति किलो थी, जो शाम तक ₹1,41,896 रह गई, यानी ₹1,504 की कमी।
गोल्ड 1.26% फिसलकर ₹1,19,429 प्रति 10 ग्राम पर
वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने के दिसंबर एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट में भी गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार रात तक गोल्ड 1.26% फिसलकर ₹1,19,429 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। ट्रेडिंग के दौरान इसका न्यूनतम स्तर ₹1,17,628 और अधिकतम ₹1,20,106 रहा। इसके विपरीत, चांदी में हल्की रिकवरी देखने को मिली और यह 0.27% बढ़कर ₹1,43,750 प्रति किलो पहुंच गई।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सोने-चांदी में यह गिरावट ‘हेल्दी करेक्शन’ है, न कि लंबी मंदी की शुरुआत। डॉलर की मजबूती और ग्लोबल मार्केट में निवेशकों की सतर्कता के चलते यह अस्थायी गिरावट है। विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में कीमतें ₹1.15 लाख के आसपास स्थिर होकर दोबारा ऊपर की ओर रुख कर सकती हैं। फिलहाल निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का सुनहरा मौका साबित हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक निवेश से पहले बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा।

