द लोकतंत्र/ अयोध्या : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पुष्टि की है कि यह ध्वजारोहण केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि इस बात की औपचारिक घोषणा है कि भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरी तरह संपन्न हो चुका है। लंबे इंतजार और करोड़ों आस्थावानों की भावनाओं से जुड़ा यह क्षण मंदिर निर्माण यात्रा का ऐतिहासिक पड़ाव माना जा रहा है।
191 फीट की ऊंचाई पर फहराया जाएगा ध्वज
चंपत राय के अनुसार, मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर की ऊंचाई 160 फीट है। इस पर स्थापित ऊंचे ध्वज-दंड को मिलाकर ध्वज जमीन से करीब 191 फीट की ऊंचाई पर फहराया जाएगा। उन्होंने बताया कि ध्वज-दंड पहले ही स्थापित किया जा चुका है। ध्वज को मशीन के बजाय हाथ से चढ़ाया जाएगा, ताकि इस पवित्र अनुष्ठान का पारंपरिक स्वरूप अक्षुण्ण रहे। यह कार्य शास्त्रीय नियमों और वैदिक विधानों के अनुसार किया जाएगा।
ध्वज का स्वरूप और आध्यात्मिक प्रतीकात्मकता
ट्रस्ट महासचिव ने ध्वज के डिजाइन और महत्व पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि ध्वज केसरिया रंग का होगा। केसरिया रंग त्याग, तपस्या, वीरता और धर्मनिष्ठा का प्रतीक माना जाता है। ध्वज पर सूर्य का चिन्ह अंकित रहेगा, जिसके केंद्र में ‘ॐ’ लिखा होगा, जो परमात्मा का प्रथम उच्चारण और सृष्टि का मूल स्वर है। इसके साथ ही ध्वज पर कोविदार वृक्ष का चित्र भी होगा। कोविदार का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में मिलता है और इसे अयोध्या के प्राचीन राजवंश का प्रतीक माना जाता है।
चंपत राय ने कहा कि यह ध्वज रामराज्य, मर्यादा, न्याय, कर्तव्य और लोककल्याण के आदर्शों का प्रतीक है। उन्होंने इसे राष्ट्र की सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना के महान क्षण के रूप में वर्णित किया।
6000 लोगों को विशेष निमंत्रण
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में कुल 6000 लोगों को आमंत्रित किया गया है। इनमें 3000 आमंत्रित केवल अयोध्या के होंगे। शेष सूची में बुंदेलखंड, इटावा, फर्रुखाबाद, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के प्रतिनिधि शामिल हैं। सूची स्थानीय कार्यकर्ताओं के परामर्श से तैयार की गई है और बाहरी आमंत्रितों की संख्या सीमित रखी गई है, ताकि समारोह की गरिमा और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे ध्वजारोहण
कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण क्षण होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं मुख्य शिखर पर ध्वज फहराएंगे। पीएम मोदी इस अवसर पर लगभग चार घंटे अयोध्या में प्रवास करेंगे। चंपत राय ने कहा कि यह एक ऐसा अद्वितीय अवसर है जिसे केवल लाइव उपस्थित रहकर ही महसूस किया जा सकता है। ध्वजारोहण की यह ऐतिहासिक घड़ी अयोध्या की आध्यात्मिक पहचान को एक नए शिखर पर स्थापित कर देगी।

