द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं और चावल जैसे अनाज की कीमतों में उछाल आती है तो इससे महंगाई बढ़ने का खतरा है। बता दें, भारत के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्ट बास्केट में 10 फीसदी हिस्सा अनाज का है जो कि बेहद भारतीयों के भोजन का प्रमुख हिस्सा है। जून 2023 में वैसे ही खाद्य महंगाई दर में उछाल के चलते खुदरा महंगाई दर बढ़कर 4.81 फीसदी पर जा पहुंची है। आने वाले दिनों में और भी महंगाई बढ़ने की आशंका जाहिर की जा रही है।
एचएसबीसी ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान जताया है। दरअसल, देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में बुआई में कमी, दक्षिण और पूर्वी भारत में बारिश में कमी के चलते चावल के खेती पर असर पड़ सकता है। हालाँकि सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के साथ महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कुछ तात्कालिक कदम उठाये हैं। सरकार के इस कदम को घरेलू बाजार में कीमतों में कमी लाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ निर्यातक देश है। एक्सपोर्ट पर बैन के चलते दुनियाभर में चावल की कीमतों में इजाफा संभव है। गेहूं और चावल के चलते आने वाले दिनों में खाद्य महंगाई में उछाल देखने को मिल सकता है। एचएसबीसी ने अपने एक रिपोर्ट में कहा है कि टमाटर की कीमतें बड़ी समस्या नहीं है बल्कि समस्या कहीं और है। एचएसबीसी ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान जताया है।