द लोकतंत्र : संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार 29 जुलाई को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जमकर सरकार पर निशाना साधा। महाभारत के एक प्रसंग का ज़िक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने देश की जनता को चक्रव्यूह में फंसाया। राहुल ने कहा कि जो हजारों साल पहले अभिमन्यु के साथ किया गया वो आज देश की जनता के साथ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, हजारों साल पहले हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को छह लोगों ने चक्रव्यूह में मारा था। इसके अंदर डर होता है, हिंसा होती है और अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर छह लोगों ने मारा। मैंने जब इसके बारे में रिसर्च की तो पता चला कि उसका एक और नाम होता है पद्म व्यूह। ये लोटस के शक्ल में होता है।
जो चक्रव्यू में अभिमन्यु के साथ हुआ…
राहुल गांधी ने आगे कहा, 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यू तैयार हुआ है, वो भी लोटस की चिह्न में है। और, उसका चिह्न पीएम अपनी छाती में लगाकर चलते हैं। जो चक्रव्यूह में अभिमन्यु के साथ हुआ, वही किसानों के साथ, माता बहनों के साथ हुआ। द्रोणाचार्य, कर्ण, कृपाचार्य, कृतवर्मा, अश्वत्थमा और शकुनी ने घेरकर मारा था। आज भी चक्रव्यूह में छह लोग हैं हालाँकि उसमें हज़ारों लोग होते हैं। लेकिन सेंटर में छह लोग कंट्रोल करते हैं। नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अंबानी और अदाणी।
उन्होंने कहा चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहते हैं, पद्मव्यूह वाले सोचते हैं देश के युवा पिछड़े लोग अभिमन्यु हैं। हिंसा, नफरत हिंदुस्तान का नेचर नहीं है। चक्रव्यूह देश का नेचर नहीं है। हर धर्म चक्रव्यूह के खिलाफ फॉर्मेशन होता है। हिंदू धर्म में इसका फॉर्मेशन क्या है- शिव की बारात। इसमें कोई भी आ सकता है। गुरुनानक जी, तो सेवा से किसी को नहीं रोका जा सकता है। लंगर से कोई बाहर नहीं किया जा सकता है। इस्लाम में चर्च में से कोई बाहर नहीं किया जा सकता।
कुछ महीने पहले, चक्रव्यूह जो बनाए गए हैं। मैं इनको समझने की कोशिश करता हूं। अपने तरीके से। मैंने बढ़ईयों के साथ काम किया। मैंने उनसे पूछा आपको किस चीज से दुख है, दर्द होता है। उन्होंने कहा- राहुल, मैं ये टेबल बना रहा हूं। मुझे दुख इस बात का है मगर जिस शोरूम में ये रखी जाती है मैं वहां जा ही नहीं सकता। सुल्तानपुर में एक मोची भाई से यही सवाल पूछा उसने कहा- मेरा सम्मान सिर्फ मेरे पिता ने किया और किसी ने नहीं किया।
जातीय जनगणना से ये चक्रव्यूह टूट जाएगा
मेरा कहना है कि ये जो चक्रव्यूह है उससे करोड़ों लोगों को नुकसान हो रहा है। हम उसे तोड़ने जा रहे हैं। जातीय जनगणना से। इस सदन में हम आपको पास करके दिखाएंगे। जातीय जनगणना से ये चक्रव्यूह टूट जाएगा। हम पूरा दम लगाकर ये काम करेंगे।
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राहुल ने बजट के हलवा सेरेमनी की फोटो सदन में दिखाते हुए कहा- ये बजट का हलवा इस फोटो में बंट रहा है। इसमें कोई पिछड़ा दलित या आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा है। देश का हलवा बंट रहा है इसमें केवल वही लोग नहीं हैं। 20 अफसर ने बजट बनाया है। मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा है। बांटता कौन है वही दो या तीन प्रतिशत लोग, मिलता किसे है? केवल इन तीन प्रतिशत को ही। बाकी 99 प्रतिशत को क्या मिलता है?
देश में तकरीबन 73 प्रतिशत दलित आदिवासी और पिछडे़ लोग हैं। ये देश की असली ताकत हैं। सच ये हैं कि इन्हें कहीं जगह नहीं मिलती है। इनको सरकारों में जगह नहीं मिलती है।