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Independence Day 2025: भारत के साथ 15 अगस्त को आजादी मनाने वाले देश और उनका इतिहास

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द लोकतंत्र: भारत इस वर्ष अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और देशभर में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है। खास बात यह है कि 15 अगस्त की तारीख सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों के इतिहास में भी एक खास स्थान रखती है। कई देश इस दिन अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाते हैं, जिनकी कहानियां भी बेहद रोचक हैं।

कोरिया की आजादी और बंटवारा
उत्तर और दक्षिण कोरिया दोनों ही 15 अगस्त को अपनी आजादी का जश्न मनाते हैं। इसे उत्तर कोरिया में “मुक्ति दिवस” और दक्षिण कोरिया में “ग्वांगबोकजेओल” कहा जाता है। 1945 में 35 साल लंबे जापानी कब्जे से कोरिया को आजादी मिली। हालांकि आजादी के साथ ही कोरिया का बंटवारा भी हुआ, जब सोवियत संघ और अमेरिका ने 38वीं समानांतर रेखा पर इसे दो हिस्सों में बांट दिया। यह विभाजन आगे चलकर 1950 के कोरियाई युद्ध का कारण बना।

बहरीन की ब्रिटेन से मुक्ति
बहरीन लंबे समय तक ब्रिटेन के प्रभाव में रहा, जहां रक्षा और विदेश नीति ब्रिटेन के हाथों में थी, जबकि आंतरिक शासन अल-खलीफा शाही परिवार के पास था। 1968 में ब्रिटेन ने घोषणा की कि वह 1971 तक फारस की खाड़ी के “ट्रूशियल स्टेट्स” से अपनी सेना हटा लेगा। पहले बहरीन का इरादा संयुक्त अरब अमीरात का हिस्सा बनने का था, लेकिन मतभेदों के चलते उसने अलग राह चुनी और 14 अगस्त 1971 को खुद को स्वतंत्र घोषित किया। 15 अगस्त को ब्रिटेन ने औपचारिक रूप से नियंत्रण छोड़ दिया।

कांगो गणराज्य की स्वतंत्रता
कांगो गणराज्य कभी फ्रांसीसी भूमध्यरेखीय अफ्रीका का हिस्सा था। 15 अगस्त 1960 को इसे फ्रांस से आजादी मिली। इसकी राजधानी ब्राज़ाविल में हर साल परेड, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य से अलग है, जो 30 जून को बेल्जियम से अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाता है।

भारत का स्वतंत्रता दिवस केवल एक देश का उत्सव नहीं है, बल्कि यह दिन उन कई राष्ट्रों की आजादी की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने संघर्ष और बलिदान से स्वतंत्रता पाई। 15 अगस्त उन तमाम देशों के लिए गौरव का दिन है, जो आज भी अपने इतिहास और स्वतंत्रता की भावना को जीवित रखे हुए हैं।

Team The Loktantra

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लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

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