द लोकतंत्र/ लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाल ही में संपन्न हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए मौर्य ने विपक्षी इंडिया गठबंधन (INDI Alliance) पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने का अप्रत्यक्ष आरोप लगाया और एनडीए की जीत को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुभ संकेत बताया।
केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि, इंडी गठबंधन को धता बताकर राजग गठबंधन ने उपराष्ट्रपति का चुनाव 60 फीसदी से अधिक मतों से जीता है। दुर्भाग्य है कि इंडी गठबंधन ने इस चुनाव में उस नक्सलवाद को अपना मोहरा बनाया था, जिसे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने लगभग ठिकाने लगा दिया है। उन्होंने साफ कहा कि एनडीए को जनता का भरोसा इसलिए लगातार मिल रहा है क्योंकि केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार लोगों के जीवन में विकास और रोशनी लेकर आती है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मौर्य ने एनडीए का नया नारा भी दिया। उन्होंने लिखा – अब बारी बिहार की। वहां विधानसभा चुनाव में एनडीए का नारा होगा – ‘सौ में साठ हमारा, बाकी में बंटवारा।’ मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार हर वर्ग तक विकास पहुंचा रही है और यही कारण है कि जनता एनडीए पर भरोसा जता रही है।
उपराष्ट्रपति चुनाव पर भी दिया बड़ा बयान
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन की ऐतिहासिक जीत का जिक्र करते हुए मौर्य ने लिखा कि, मैं देश के नए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन जी को बधाई देता हूं। इस विजय से देशभर में नया उत्साह आया है। INDI गठबंधन ध्वस्त हो गया और 60% से अधिक मत सी.पी. राधाकृष्णन को प्राप्त हुए। अब हम बिहार में जीतेंगे और 2027 में उत्तर प्रदेश में भी जीत दर्ज करेंगे।
बिहार में कब होंगे चुनाव?
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव इस वर्ष अक्टूबर-नवंबर 2025 में प्रस्तावित हैं। चुनाव आयोग जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकता है। इन चुनावों में बीजेपी, जनता दल (यूनाइटेड) और एनडीए के अन्य सहयोगी दल मिलकर मैदान में उतरेंगे। हालांकि, अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि सीट बंटवारे की बातचीत जल्द ही पटना और दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठकों में तय होगी।
बिहार की राजनीति में एनडीए बनाम INDI मुकाबला
बिहार चुनाव को लेकर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प माना जा रहा है। एक ओर बीजेपी-जदयू गठबंधन है, जो सत्ता में वापसी का दावा कर रहा है। वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन (INDI Alliance) है, जिसमें कांग्रेस और राजद (RJD) अहम भूमिका निभा रहे हैं।
मौर्य का बयान साफ इशारा करता है कि एनडीए विपक्षी दलों को नक्सलवाद और पिछली नीतियों के आधार पर घेरने की रणनीति बना रहा है। वहीं विपक्ष जनता के मुद्दों और बेरोजगारी जैसे सवालों को चुनावी मैदान में उठाने की तैयारी कर रहा है।