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Kishtwar Cloud Burst: किश्तवाड़ बादल फटने से तबाही, 60 की मौत और 80 लोग अब भी लापता

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द लोकतंत्र: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले का चशोती गांव इन दिनों मातम में डूबा हुआ है। बुधवार को हुए Kishtwar Cloud Burst (किश्तवाड़ बादल फटना) ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी। अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। अब तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि करीब 80 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

पीड़ित परिजनों का गुस्सा
गांव के लोगों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से वे अपने परिजनों के शवों का इंतजार कर रहे हैं। कई शव अभी तक मलबे में दबे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि राहत और बचाव कार्य बार-बार बाधित हो रहा है क्योंकि नेता और मंत्री मौके पर आकर फोटो खिंचवाने में व्यस्त रहते हैं।

एक पीड़ित ने कहा, “यहां 20 जेसीबी हैं, लेकिन केवल दो ही काम कर रही हैं। जब भी मंत्री आते हैं, मशीनें बंद करा दी जाती हैं। क्या हमारे परिवारों की कोई कीमत नहीं है?”

‘हमें शव लौटा दीजिए’ – परिजनों की गुहार
लापता लोगों के परिवार लगातार अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि कम से कम उनके प्रियजनों के शव उन्हें सौंप दिए जाएं। एक शख्स ने बताया कि उसके 13 परिजन, जिनमें मां और मौसी भी शामिल हैं, अब भी लापता हैं। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उनकी पत्नी और दो बच्चे बाढ़ में बह गए और अब तक कोई जानकारी नहीं मिली।

सीएम उमर अब्दुल्ला मौके पर पहुंचे
शनिवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला किश्तवाड़ पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, परिजनों ने सीएम के सामने भी नाराजगी जताई और कहा कि बचाव कार्य की गति बेहद धीमी है।

सीएम ने कहा, “हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि शव जल्द से जल्द निकालकर परिजनों को सौंपे जाएं। सेना और पुलिस लगातार राहत कार्य में जुटे हुए हैं।”

त्रासदी की दर्दनाक तस्वीर
स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसे के दिन पास के मंदिर में तेज़ आवाज़ में डीजे बज रहा था, जिसकी वजह से आने वाले सैलाब की आवाज़ सुनाई नहीं दी। कुछ ही सेकेंड में पानी और मलबे ने पूरे गांव को तबाह कर दिया। कई घर बह गए और लोग लापता हो गए।

किश्तवाड़ का यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि आखिर क्यों प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ठोस इंतजाम नहीं होते। Kishtwar Cloud Burst से पीड़ित परिवार आज अपने परिजनों की लाशों का इंतजार कर रहे हैं और राहत कार्य की धीमी गति पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।

Team The Loktantra

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