द लोकतंत्र : सरकारी बसों और ट्रेनों में सीट न मिलना और खड़े होकर यात्रा पूरी करना आम बात है। लेकिन, अगर आपको यह पता चले कि भैया फ्लाइट में भी टिकट के बावजूद सीट की गारंटी नहीं है और आपको खड़े होकर यात्रा करनी पड़ सकती है तो मुझे यक़ीन है कि आप इस बात पर बिलकुल भी भरोसा नहीं करेंगे। हालाँकि, इस बात में एक परसेंट भी झूठ नहीं है और ऐसा एक वाकया इंडिगो की फ्लाइट में देखने को मिला है।
यात्री को नहीं एलॉट हुई थी सीट
दरअसल, मुंबई से वाराणसी की एक इंडिगो फ्लाइट में मंगलवार 21 मई को कुछ ऐसा ही हुआ है। जानकारी के मुताबिक़ इंडिगो की एक फ्लाइट 6E 6543 सुबह 7.50 बजे के आसपास उड़ान भरने जा रही थी, तभी क्रू के एक सदस्य ने विमान के पिछले हिस्से में एक पुरुष यात्री को खड़ा देखा। जैसे ही क्रू ने यात्री को खड़े हुए देखा तो पायलट को इस बारे में जानकारी दी। इसके बाद फ्लाइट को वापस टर्मिनल पर लाया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुई। हालांकि, इस बारे में एयरलाइंस की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। टर्मिनल पर लौटने के बाद उस व्यक्ति को प्लेन से उतार दिया गया। साथ ही, एयरलाइंस ने सभी के केबिन बैगेज की जांच की जिसके बाद फ्लाइट को एक घंटे देरी से टेकऑफ कराया गया।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
हालाँकि, यह पहली बार नहीं हुआ है जब इंडिगो फ्लाइट में ओवरबुकिंग की घटना सामने आई है। पिछले साल भी, इंडिगो की दिल्ली-हैदराबाद फ्लाइट में ओवरबुकिंग के कारण एक यात्री को विमान से उतार दिया गया था।
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वहीं, डीजीसीए द्वारा 2016 में जारी किए गए नियमों के अनुसार, इस तरह की परिस्थिति में यदि एयरलाइन द्वारा फ्लाइट के उड़ान भरने के एक घंटे के अंदर ही यात्री को दूसरी फ्लाइट उपलब्ध करा दी जाती है, तो उसे यात्री को कोई मुआवजा नहीं देना होता है। डीजीसीए भी फिलहाल इस मामले की जांच कर रहा है।