Advertisement Carousel
National

संसद में Vande Mataram पर संग्राम: गौरव गोगोई का PM मोदी पर पलटवार, “नेहरू के योगदान पर दाग नहीं लगा सकते”

The loktnatra

द लोकतंत्र : सोमवार (8 दिसंबर 2025) को लोकसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हुई चर्चा एक वैचारिक और राजनीतिक संग्राम में बदल गई। कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर इस पवित्र चर्चा को ‘राजनीतिक रंग’ देने का गंभीर आरोप लगाया। गोगोई ने स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग जितनी भी कोशिश कर लें, वे स्वतंत्रता सेनानी पंडित जवाहरलाल नेहरू के योगदान पर एक भी काला दाग लगाने में सफल नहीं होंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा के राजनीतिक पूर्वजों का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा।

नेहरू के उल्लेख पर गोगोई का पलटवार

गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी के सदन में दिए गए भाषण के उद्देश्यों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने हर वक्तव्य में कांग्रेस और नेहरू का बार-बार उल्लेख करते हैं।

गोगोई के अनुसार, इससे पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू का नाम 14 बार लिया और कांग्रेस का नाम 50 बार लिया था। गोगोई ने आरोप लगाया कि पीएम का पहला उद्देश्य यही साबित करना था कि उनके राजनीतिक पूर्वज अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे थे।

वंदे मातरम् के इतिहास पर कांग्रेस का दावा

कांग्रेस सांसद ने राष्ट्रीय गीत के ऐतिहासिक परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए दावा किया कि सबसे पहले वंदे मातरम् का उद्घोष कांग्रेस ने ही किया था।

उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब मुस्लिम लीग पूरे वंदे मातरम् का बहिष्कार करना चाहती थी, तब मौलाना अबुल कलाम आजाद ने स्वयं कहा था कि उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। गोगोई ने दावा किया कि कांग्रेस ने अपने अधिवेशन में इसे गाने का फैसला किया, जिसका विरोध मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा दोनों ने किया था।

पीएम मोदी का कटाक्ष

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए पंडित जवाहरलाल नेहरू पर कटाक्ष किया था। उन्होंने दावा किया कि नेहरू के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मुस्लिम लीग के दबाव में वंदे मातरम् के ‘टुकड़े’ कर दिए गए थे। मोदी ने यहां तक कहा कि कांग्रेस वंदे मातरम् के बंटवारे पर झुकी, इसीलिए उसे एक दिन भारत के बंटवारे के लिए भी झुकना पड़ा। उन्होंने 1975 के आपातकाल का हवाला देते हुए भी कांग्रेस पर निशाना साधा।

यह संसदीय बहस राष्ट्रीय गीत के अध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक मूल्य पर कम, बल्कि समकालीन राजनीतिक मतभेदों को प्रदर्शित करने वाली अधिक थी।

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Sanjay Singh AAP
National

राज्यसभा सांसद संजय सिंह क्यों हुए निलंबित, क्या है निलंबन के नियम

द लोकतंत्र : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन (राज्यसभा) में हंगामा और
HSBC
National

HSBC की रिपोर्ट में महंगाई का संकेत, 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान

द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं