द लोकतंत्र : हाथरस में सत्संग के दौरान हुए भगदड़ में मारे गये 121 लोगों की ग़ैर इरादतन हत्या के मामले में पुलिसिया थियरी के अनुसार बनाये गये मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने देर रात सरेंडर कर दिया। आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह घटना के बाद से ही फरार था। सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि मधुकर को रात दस बजे यूपी पुलिस के विशेेष जांच दल को सौंप दिया गया। वकील एपी सिंह ने कहा, मधुकर दिल्ली में इलाज करा रहा था। हम जांच में मदद करना चाहते हैं।
बता दें, मुख्य आरोपी बताये जा रहे देव प्रकाश मधुकर ने ही बाबा सूरजपाल के सत्संग के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी। कहा जा रहा है कि अयोजनकर्ताओं ने भक्तों की उपस्थिति के आँकड़े गलत बताये थे जिसकी वजह से ऐसी स्थिति बन गई। पुलिस द्वारा उस पर गैर इरादतन हत्या, सबूत मिटाने समेत भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
दो जुलाई को सत्संग के दौरान मच गई थी भगदड़
बता दें, हाथरस के फुलरई गांव में दो जुलाई मंगलवार को नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं। इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर में नामजद आरोपी के तौर पर सिर्फ मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर का नाम है जबकि बाबा सूरजपाल यानी नारायण साकार हरि का नाम दर्ज नहीं किया गया है। मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर के सरेंडर के पूर्व पुलिस ने आयोजन समिति के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। जिसमें चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया था उनकी पहचान राम लड़ैते, उपेंद्र सिंह, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू यादव और मंजू देवी के रूप में हुई।
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बाबा की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि मधुकर को रात दस बजे यूपी पुलिस के विशेेष जांच दल को सौंपा गया। उन्होंने कहा, हमने वादा किया था कि शुक्रवार तक मधुकर को जांच एजेंसियों को सौंप देंगे। वादे के तहत यूपी पुलिस को बुलाकर आत्मसमर्पण करा दिया। अग्रिम जमानत याचिका भी नहीं लगाई। मधुकर को हृदय रोग है, वह इलाज कराने दिल्ली आए थे। पुलिस जैसे चाहे उनसे पूछताछ कर सकती है। हमने समर्पण कराया, ताकि कोई गिरफ्तारी के लिए इनाम का दावा न करे।