द लोकतंत्र/ जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह (SMS अस्पताल) में रविवार देर रात हुई आग की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। अस्पताल के आईसीयू वार्ड में लगी इस भीषण आग में अब तक 8 मरीजों की मौत हो चुकी है। शुरू में 6 लोगों के मरने की सूचना थी, लेकिन बाद में यह संख्या बढ़कर आठ हो गई। मरने वालों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। हादसे के बाद अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया और परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और सुरक्षा चूक के गंभीर आरोप लगाए हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन के आदेश दिए। यह समिति चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त इकबाल खान की अध्यक्षता में बनाई गई है। समिति को आग लगने के कारण, अस्पताल प्रबंधन की तत्परता, फायर सेफ्टी व्यवस्था और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर रिपोर्ट पेश करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि “जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
अस्पताल में मची अफरातफरी, मरीजों की जान बचाना हुआ मुश्किल
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग रात करीब 11:20 बजे आईसीयू वार्ड नंबर-6 में लगी, जहां 11 मरीजों का इलाज चल रहा था। देखते ही देखते पूरा वार्ड धुएं से भर गया। मरीजों को निकालने की कोशिशें हुईं, लेकिन फायर सेफ्टी सिस्टम के नाकाम रहने के कारण हालात बिगड़ते चले गए। आग पर काबू पाने में देरी ने हादसे को और भयावह बना दिया।
चश्मदीदों ने सुनाया दर्दनाक मंजर
पीड़ित नरेंद्र सिंह ने बताया, जब आग लगी, मैं नीचे खाना खा रहा था। मेरी मां आईसीयू में भर्ती थीं। ऊपर पहुंचने तक सब खत्म हो चुका था। वहां न आग बुझाने का कोई उपकरण था, न कोई स्टाफ। एक अन्य चश्मदीद ओमप्रकाश ने कहा, जब धुआं फैलना शुरू हुआ, हमने डॉक्टरों को बताया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। बाद में जब हालात बिगड़ गए, डॉक्टर और कंपाउंडर नीचे भाग गए। हमने मिलकर 4-5 मरीजों को निकाला, लेकिन मेरा चचेरा भाई नहीं बच सका।
इस हादसे में 25 वर्षीय पिंटू नामक मरीज की भी मौत हो गई। उसके रिश्तेदार ने बताया कि पिंटू की हालत में सुधार था और उसे जल्द ही डिस्चार्ज किया जाना था। लेकिन आग लगने के दौरान डॉक्टरों और स्टाफ के भाग जाने से वह धुएं में फंस गया और दम घुटने से उसकी मौत हो गई।
अशोक गहलोत ने जताया दुख
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में आग लगने से 8 लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। राज्य सरकार को उच्च स्तरीय जांच कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
अस्पताल प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल
परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में फायर अलार्म और अग्निशमन उपकरण पूरी तरह नाकाम रहे। न तो अलार्म बजे, न स्प्रिंकलर सिस्टम चालू हुआ। कई परिजनों का कहना है कि अस्पताल में सुरक्षा उपायों की भारी कमी थी और स्टाफ ने भी मरीजों को छोड़कर खुद की जान बचाई। फिलहाल, एफएसएल (Forensic Science Laboratory) की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटा लिए हैं और शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है। राज्य सरकार ने रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं।