द लोकतंत्र : अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी के कार्यक्रम के दौरान कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में मची अराजकता को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में भूचाल आ गया है। राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपे गए अपने इस्तीफे के पत्र में, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिस्वास ने कहा कि वे इस घटना की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने के लिए पद छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। यह घटना देश में आयोजनों के दौरान VIP संस्कृति के दुष्प्रभावों पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है।
VIP संस्कृति के कारण फैंस का गुस्सा फूटा
साल्ट लेक स्टेडियम में शनिवार (13 दिसंबर 2025) को मेसी को देखने के लिए पहुंचे हजारों फैंस ने अव्यवस्था और अतिविशिष्ट (VVIP) लोगों की भीड़ के कारण भारी हंगामा किया।
- पहुंच की समस्या: दर्शकों ने मेसी को देखने के लिए बड़ी कीमतों पर टिकटें खरीदी थीं, लेकिन जब फुटबॉल आइकन स्टेडियम पहुंचे, तो राजनेताओं, पुलिस अधिकारियों और अन्य VVIP लोगों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया। मेसी के आस-पास एक मानवीय घेरा बन गया था, जिसके चलते आम दर्शकों को उनकी झलक तक नहीं मिल पाई।
- लाठीचार्ज और अव्यवस्था: इस सीमित पहुंच और निराशा से गुस्साए फैंस ने स्टेडियम में तोड़फोड़ शुरू कर दी। हालात इतने बेकाबू हो गए कि व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस को बड़े पैमाने पर लाठीचार्ज करना पड़ा और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात करना पड़ा। इस हंगामे के कारण मेसी को भी तय समय से पहले ही स्टेडियम से बाहर जाना पड़ा।
प्रशासनिक निष्क्रियता पर कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है।
- मुख्य आयोजक की गिरफ्तारी: इवेंट के मुख्य आयोजक शताद्रु दत्ता को टिकटों की ऊंची कीमतों और अव्यवस्था के चलते हुए हंगामे और तोड़फोड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
- SIT का गठन: पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों वाली चार सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की घोषणा की है जो घटना की गहनता से जांच करेगी।
- अधिकारियों पर निलंबन और कार्रवाई: कर्तव्य में लापरवाही के लिए डीसीपी बिधाननगर अनीश सरकार को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। इसके अलावा, बंगाल के खेल सचिव राजेश कुमार सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और साल्ट लेक स्टेडियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी के नंदन की सेवाएं भी वापस ले ली गई हैं।
इस्तीफा और नैतिक जिम्मेदारी का सवाल
खेल मंत्री अरूप बिस्वास का इस्तीफा सार्वजनिक जीवन में नैतिक जिम्मेदारी का एक दुर्लभ उदाहरण माना जा रहा है। हालांकि, इस घटना ने बड़े आयोजनों में प्रशासनिक कुप्रबंधन और VIP संस्कृति के दबाव को गंभीरता से उजागर किया है। एक अंतर्राष्ट्रीय स्टार का कार्यक्रम जब स्थानीय अधिकारियों और नेताओं के व्यक्तिगत हितों के आगे घुटने टेक देता है, तो यह आयोजन की सफलता को बाधित करता है और आम जनता में असंतोष पैदा करता है।
SIT जांच से यह उम्मीद की जा रही है कि केवल लापरवाही के लिए ही नहीं, बल्कि इवेंट की प्लानिंग, टिकटों की बिक्री, सुरक्षा प्रोटोकॉल और VVIP एक्सेस से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जाएगी। पीड़ित दर्शकों को केवल क्षतिपूर्ति ही नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि भविष्य में सार्वजनिक आयोजनों में इस तरह की मनमानी और अव्यवस्था दुबारा न हो। मेसी जैसे खिलाड़ी का भारत आना देश के लिए गर्व की बात है, लेकिन आयोजन का कुप्रबंधन देश की छवि को धूमिल करता है।

