द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए पहले राज्यसभा चुनाव के नतीजे शुक्रवार (24 अक्टूबर) को घोषित हो गए। चार सीटों पर हुए इस मुकाबले में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने तीन सीटों पर जीत दर्ज कर शानदार प्रदर्शन किया, जबकि एक सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया। बीजेपी उम्मीदवार सतपाल शर्मा राज्यसभा पहुंचने में सफल रहे, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस से चौधरी मोहम्मद रमजान, जी. एस. ओबेरॉय उर्फ़ शम्मी ओबेरॉय और सज्जाद किचलू विजयी रहे।
सज्जाद किचलू को सबसे ज्यादा 57 वोट मिले। चौधरी मोहम्मद रमजान का मुकाबला बीजेपी के अली मोहम्मद मीर से था, जबकि सज्जाद किचलू ने बीजेपी के राकेश महाजन को मात दी। वहीं, जी.एस. ओबेरॉय (शम्मी ओबेरॉय) जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा भेजे जाने वाले पहले सिख नेता बन गए जो इस चुनाव को ऐतिहासिक बना देता है।
370 हटने के बाद का पहला राज्यसभा चुनाव
यह चुनाव 5 अगस्त 2019 के बाद पहली बार हुआ, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। निर्वाचन आयोग ने चार सीटों के लिए तीन अधिसूचनाओं के तहत मतदान कराया, जिसमें दो सीटों पर अलग-अलग और दो सीटों पर संयुक्त अधिसूचना के तहत चुनाव हुआ।
इस चुनाव में पीडीपी और कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस का खुला समर्थन किया। दोनों दलों ने अपने विधायकों को तीन-लाइन व्हिप जारी कर एनसी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान सुनिश्चित कराया। नतीजतन, एनसी गठबंधन ने विधानसभा में स्पष्ट बहुमत का लाभ उठाते हुए जीत दर्ज की।
NC को मिला कांग्रेस और PDP का समर्थन
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 88 विधायक हैं, जिनमें से नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी गठबंधन के पास 57 विधायक हैं। वहीं, बीजेपी के पास 28 विधायक हैं। बीजेपी ने अपनी ओर से प्रदेश अध्यक्ष सतपाल शर्मा को उम्मीदवार बनाकर तीसरी अधिसूचना में रणनीतिक दांव चला था।
एनसी की इस जीत के बाद राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि पार्टी ने केंद्र के बादशाही फैसले (370 हटाने) के बाद भी अपना जनाधार मजबूत बनाए रखा है, जबकि बीजेपी को जम्मू क्षेत्र में अपनी पकड़ बचाने में सफलता मिली है।

