द लोकतंत्र: NCERT Partition Book को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। एनसीईआरटी (NCERT) ने अपने सोशल साइंस मॉड्यूल में भारत विभाजन को लेकर ऐसा कंटेंट शामिल किया है, जिसमें देश के बंटवारे के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार बताया गया है। इनमें जवाहरलाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना और लॉर्ड माउंटबेटन का नाम शामिल है। किताब का शीर्षक “विभाजन के दोषी” रखा गया है।
किस क्लास के लिए जारी हुई किताब?
एनसीईआरटी की तरफ से यह नया मॉड्यूल दो हिस्सों में जारी किया गया है।
कक्षा 6वीं से 8वीं के लिए अलग मॉड्यूल
कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए अलग मॉड्यूल
जानकारी के मुताबिक, फिलहाल यह किताब एनसीईआरटी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है और जल्द ही इसका प्रिंट वर्ज़न स्कूलों में बांटा जाएगा। 6वीं से 8वीं तक के बच्चों के लिए यह कंटेंट सोशल साइंस के साथ जोड़ा जाएगा।
किताब में क्या लिखा है?
इस किताब में तस्वीर के साथ जिन्ना, नेहरू और माउंटबेटन को दिखाया गया है। इसमें लिखा है:
मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान बनाने पर अड़े थे।
कांग्रेस ने जिन्ना की मांग मान ली, जिसके बाद विभाजन हुआ।
लॉर्ड माउंटबेटन ने बंटवारे की प्रक्रिया को पूरा किया।
इसके अलावा किताब में नेहरू के एक बयान का जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आज़ादी के बाद या तो हमें विभाजन स्वीकार करना होगा या फिर हिंसा और विवाद को झेलना होगा।
पीएम मोदी का कोट भी शामिल
इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी एक उद्धरण शामिल किया गया है। इसमें उन्होंने कहा है कि “विभाजन का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता। लाखों लोग बेघर हुए, अपनों को खोया। यह ऐसा जख्म है जिसे कोई नहीं भुला सकता।”
कांग्रेस ने जताया विरोध
किताब जारी होते ही इस पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इस किताब में दिए गए कंटेंट का विरोध किया है और इसे इतिहास के साथ छेड़छाड़ बताया है। पार्टी का कहना है कि स्वतंत्रता आंदोलन और विभाजन से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
शिक्षा जगत में बहस
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इतिहास को निष्पक्ष तरीके से पढ़ाया जाना चाहिए ताकि छात्र तथ्यों को सही रूप में समझ सकें। वहीं, कुछ लोग इस कदम का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि बच्चों को विभाजन के असली कारणों से अवगत कराना ज़रूरी है।
एनसीईआरटी की नई Partition Book अब विवाद का बड़ा कारण बन गई है। जहां भाजपा समर्थक इसे सही ठहरा रहे हैं, वहीं कांग्रेस इसे इतिहास के साथ छेड़छाड़ बता रही है। आने वाले दिनों में यह मामला और भी सियासी रंग ले सकता है।