द लोकतंत्र : नोबेल पुरस्कार 2025 (Nobel Prize 2025) के फिजिक्स श्रेणी के विजेताओं की घोषणा कर दी गई है। इस साल जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को संयुक्त रूप से यह सम्मान दिया जाएगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इन वैज्ञानिकों को इलेक्ट्रिक सर्किट में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम मैकेनिकल टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन की खोज के लिए चुना है।
इलेक्ट्रिक सर्किट में क्वांटम प्रभाव की खोज
इन तीनों वैज्ञानिकों ने मिलकर ऐसा इलेक्ट्रिक सर्किट विकसित किया जो इतना बड़ा था कि उसे हाथ में पकड़ा जा सकता था, फिर भी उसमें क्वांटम स्तर के प्रभाव दिखाई दिए। यह प्रयोग विज्ञान की दुनिया में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इससे क्वांटम कंप्यूटिंग, क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम सेंसर जैसी तकनीकों का रास्ता खुला है।
उनकी खोज ने यह साबित किया कि क्वांटम प्रभाव केवल सूक्ष्म स्तर पर नहीं बल्कि बड़े पैमाने के सर्किट में भी संभव हैं। इसने भविष्य की तकनीक के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोल दिया है।
पिछले साल मिला था AI से जुड़ा नोबेल
फिजिक्स में 2024 का नोबेल पुरस्कार जॉन जे. होपफील्ड और जेफ्री हिंटन को दिया गया था। यह पुरस्कार आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ने बताया था कि उनकी खोजों ने आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नींव रखी, जिससे आज की मशीनें खुद सीखने और निर्णय लेने में सक्षम हुईं।
क्या है नोबेल पुरस्कार?
नोबेल पुरस्कार विश्व के सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान में से एक है। इसे 1901 में स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार शुरू किया गया था। अल्फ्रेड नोबेल, जिन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था, ने अपनी संपत्ति का उपयोग उन लोगों को सम्मानित करने के लिए किया जिन्होंने मानवता के कल्याण में योगदान दिया।
यह पुरस्कार हर साल फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य, शांति और इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में दिया जाता है। पुरस्कार समारोह इस वर्ष 10 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा।
वैज्ञानिकों के योगदान का सम्मान
जॉन क्लार्क, मिशेल डेवोरेट और जॉन मार्टिनिस की यह खोज विज्ञान की उस दिशा में बड़ा कदम है जहां क्वांटम तकनीक का व्यावहारिक उपयोग संभव हो सकेगा। इस खोज को भविष्य की तकनीकी क्रांति का आधार माना जा रहा है।