द लोकतंत्र: चुनाव आयोग और विपक्ष के बीच बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दल मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों की एक बैठक में चर्चा भी हुई है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक टकराव और तेज हो सकता है।
विपक्ष का आरोप: वोट चोरी में शामिल है चुनाव आयोग
कांग्रेस समेत पूरे INDIA गठबंधन ने बिहार में SIR का जमकर विरोध किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और बीजेपी दोनों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना है कि बीजेपी वोट चोरी कर रही है और चुनाव आयोग इसमें उसकी मदद कर रहा है। राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि अगर लोकतंत्र बचाना है तो इस पर सख्त कदम उठाना जरूरी है।
विपक्ष का आरोप है कि बिहार में वोटर लिस्ट से करीब 65 लाख नाम हटा दिए गए, जिससे मतदाताओं के अधिकार प्रभावित हुए हैं। इसी मुद्दे को आधार बनाकर अब मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की चर्चा हो रही है। हालांकि विपक्ष की बैठक में इस पर अंतिम फैसला अभी नहीं लिया गया है।
चुनाव आयोग का पलटवार
इस मामले में चुनाव आयोग ने रविवार (17 अगस्त) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सभी आरोपों को खारिज कर दिया। आयोग ने साफ कहा कि वोट चोरी का आरोप पूरी तरह झूठा और भ्रामक है। आयोग के अनुसार, किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है और मतदाता निश्चिंत होकर मतदान करें।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए उनसे सबूत मांगे हैं। आयोग का कहना है कि बिना सबूत लगाए गए आरोप लोकतांत्रिक संस्थाओं की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिन नामों को वोटर लिस्ट से हटाया गया है, उनकी जानकारी सार्वजनिक की जाए। चुनाव आयोग ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सभी नामों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
उपराष्ट्रपति चुनाव पर भी मंथन
वहीं दूसरी ओर, विपक्षी पार्टियां उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी सक्रिय हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार (18 अगस्त) शाम को INDIA गठबंधन के नेता फोन कॉल या वीडियो कॉल के जरिए अपने उम्मीदवार पर चर्चा कर सकते हैं। इसके नाम की आधिकारिक घोषणा जल्द हो सकती है।
दूसरी तरफ, एनडीए ने महाराष्ट्र के गवर्नर सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है। वे लंबे समय तक बीजेपी से जुड़े रहे हैं और आरएसएस के भी वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे हैं। ऐसे में मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है।
SIR विवाद, महाभियोग प्रस्ताव और उपराष्ट्रपति चुनाव इन तीनों मुद्दों ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। आने वाले दिनों में विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच टकराव और गहराने की संभावना है। वहीं उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी सियासी समीकरण बनते-बिगड़ते दिख सकते हैं।