द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने बौखलाहट में भारत के कई इलाकों पर कामिकाजी ड्रोन से हमला किया। ये आत्मघाती ड्रोन सीधे टारगेट से टकराकर विस्फोट करते हैं। इन्हें जापान के दूसरे विश्व युद्ध के कामिकाजी पायलट्स की तर्ज पर तैयार किया गया है। हमले जम्मू समेत सीमावर्ती रिहायशी इलाकों में किए गए, जिन्हें भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने समय रहते नाकाम कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, ये ड्रोन पाकिस्तान को ईरान से मिले हैं। पूरे जम्मू-कश्मीर में ब्लैकआउट के साथ हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
इंटेलिजेंस इनपुट्स के अनुसार, ये आत्मघाती ड्रोन हमले पाकिस्तान द्वारा जानबूझकर सिविलियन टारगेट्स पर किए गए हैं, जिन्हें हाईली एक्ट ऑफ एग्रेसन माना जा रहा है। सरकार अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस हमले को उठाने और संभावित सैन्य जवाब की रणनीति पर विचार कर रही है। पाकिस्तान की यह हरकत एक सुनियोजित सैन्य उकसावे की तरह देखी जा रही है।
क्या है ‘कामिकाजी ड्रोन’?
‘कामिकाजी’ शब्द दूसरे विश्व युद्ध से जुड़ा है, जहां जापानी आत्मघाती पायलट्स अमेरिकी नेवी पर जान देकर हमला करते थे। आज वही रणनीति पाकिस्तान ने ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए अपनाई है। ये Suicide Drones या Loitering Munitions टारगेट पर जाकर टकराते हैं और खुद को उड़ा लेते हैं। डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह हमला युद्ध की Hybrid Warfare Doctrine का हिस्सा हो सकता है।
‘पाकिस्तान फुल स्केल एग्रेसन की ओर बढ़ रहा है’
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को ये कामिकाजी ड्रोन ईरान से डाइवर्टेड चैनल्स के जरिए मिले हैं। यह भारत की आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ एक गंभीर और सुनियोजित साजिश है।
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सीनियर मिलिट्री सूत्रों के अनुसार, भारत ने इन हमलों को नाकाम करने के लिए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है, जिसने जम्मू समेत कई क्षेत्रों में इन ड्रोन्स को टारगेट करते हुए हवा में ही निष्क्रिय कर दिया।
‘ब्लैकआउट मोड’ और हाई अलर्ट
पूरे जम्मू-कश्मीर को हाई अलर्ट पर रखा गया है और कई संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों को ब्लैकआउट मोड में ऑपरेट करने के निर्देश दिए गए हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रॉ (RAW) से इनपुट्स मिलने के बाद सेना ने सीमावर्ती इलाकों में कॉम्बिंग ऑपरेशन तेज कर दिए हैं। टॉप गवर्नमेंट सोर्सेज के अनुसार, भारत अब केवल डिफेंसिव नहीं, बल्कि ऑफेंसिव एक्शन की तैयारी में है। अगर ड्रोन हमले जारी रहे, तो भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 या स्टैंड-ऑफ वेपन अटैक जैसे एक्शन लिए जा सकते हैं।
साथ ही, यह माना जा रहा है कि भारत इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी उठा सकता है। MEA सूत्रों के अनुसार, यह हमला सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि वैश्विक शांति के खिलाफ भी एक खतरा है।