द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : देश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में दो केंद्रीय योजनाओं—दलहन मिशन (Pulses Mission) और प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (PM Dhan Dhan Krishi Yojana) की शुरुआत करेंगे। इन योजनाओं का उद्देश्य भारत को कृषि में आत्मनिर्भर बनाना और आयात पर निर्भरता कम करना है। कैबिनेट द्वारा पहले ही मंजूर ये दोनों योजनाएं आगामी रबी सीजन 2025-26 से लेकर वर्ष 2030-31 तक लागू होंगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी जानकारी
पूसा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी मत्स्य पालन, पशुधन और फूड प्रोसेसिंग सहित अन्य क्षेत्रों से संबंधित 3,681 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और किसानों के साथ बातचीत भी करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भारत ने गेहूं और चावल में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है, लेकिन दलहन और तिलहन अब भी चिंता का विषय हैं।
उन्होंने कहा, मोदी द्वारा शुरू किए जाने वाले ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ का लक्ष्य फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन को वर्तमान 252.38 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करना है। इस योजना के लिए 11,440 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है। योजना के तहत किसानों को उच्च उपज देने वाली और रोग-प्रतिरोधी बीज किस्में वितरित की जाएंगी, जिन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने विकसित किया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 100 प्रतिशत उपज की खरीद
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को अधिक दलहन उगाने के लिए सरकार नेफेड (NAFED) और NCCF के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 100 प्रतिशत उपज की खरीद करेगी। साथ ही खेती के रकबे और फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए व्यापक रणनीति बनाई गई है। इसके अलावा, सरकार पीली मटर के ड्यूटी फ्री इम्पोर्ट पर निर्णय सही समय पर लेगी, ताकि घरेलू दाल की कीमतों और उत्पादन पर असर संतुलित रहे।
प्रधानमंत्री धन धान्य योजना की बात करें तो यह 24,000 करोड़ रुपये की योजना 100 कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में लागू होगी। इसका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना, सिंचाई और भंडारण में सुधार करना और किसानों तक लोन पहुँचाना है। यह योजना 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का समन्वय सुनिश्चित करेगी और 1.7 करोड़ किसानों को सीधे लाभान्वित करेगी।
इस मौके पर पीएम मोदी प्रगतिशील किसानों, किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों को भी सम्मानित करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इन योजनाओं से भारत की कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और देश दलहन एवं धन धान्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूत कदम उठाएगा।