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वाराणसी में पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ गिरा, जीत की मार्जिन ने बीजेपी की चिंता बढ़ायी

PM Modi's popularity graph fell in Varanasi, victory margin raised BJP's concern

द लोकतंत्र : वह जीतना भी क्या जीतना जब जीतने के लिए कड़ी मशक़्क़त करनी पड़े। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी की जीत के साथ कई सवाल ऐसे खड़े हो गये जिसकी वजह से बीजेपी की चिंता बढ़ गई है। बता दें, वाराणसी से प्रधानमंत्री ने तीसरी बार जीत दर्ज की और कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को डेढ़ लाख से ज़्यादा मतों के अंतर से हराया लेकिन पीएम मोदी के जीत का मार्जिन 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव से कम रहा जिससे भाजपा की चिंता बढ़ गई है। यही नहीं, शुरुआती राउंड में पीएम मोदी कांग्रेस प्रत्याशी से 6000 वोटों से पीछे रहे। और यह स्थिति दो-तीन घंटे तक बनी रही।

2024 लोकसभा चुनाव में देश की सबसे हॉट सीटों में से एक वाराणसी सीट के परिणाम यूँ तो बीजेपी के पक्ष में रहे लेकिन जीत का अंतर अपेक्षित न रहने पर बीजेपी के माथे पर चिंता की लकीरें तैर गई हैं। साथ ही यह सवाल भी उठ खड़े हुए हैं कि क्या प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ गिर रहा है? बता दें, वाराणसी लोकसभा सीट (Varanasi Lok Sabha Seat) पर सातवें चरण में मतदान संपन्न हुआ था। मतगणना में इस सीट से शुरुआती रुझानों में पीएम नरेंद्र मोदी कांग्रेस प्रत्याशी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से पीछे चल रहे थे। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को पछाड़ते हुए डेढ़ लाख से अधिक वोटों से इस सीट पर जीत दर्ज की।

महज़ डेढ़ लाख मतों के अन्तर से जीत पीएम मोदी की नैतिक पराजय

वहीं, वाराणसी से कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय ने पीएम नरेंद्र मोदी की डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हुई जीत को लेकर टिप्पणी करते हुए इसे नैतिक पराजय बताया है। उन्होंने कहा कि, ऐसा कहा जाता था कि पीएम मोदी की लोकप्रियता अधिक है। बड़ी-बड़ी बातें की जा रही थीं। ऐसे में मात्र डेढ़ लाख वोटों के अंतर से जीतना उनकी नैतिक पराजय है, इसे उन्हें स्वीकार करना चाहिए।

आत्मचिंतन करने की दी सलाह

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और वाराणसी से गठबंधन के लोकसभा उम्मीदवार अजय राय ने कहा कि पीएम मोदी 10 साल से वाराणसी के सांसद हैं, लेकिन उन्होंने यहां विकास के नाम पर मात्र दिखावा किया है। बनारस में कोई भी ठोस काम नहीं हुआ। काम के नाम पर केवल काम का दिखावा किया गया।

उन्होंने कहा कि, समय-समय पर इवेंट का आयोजन कर यहां के लोगों को ठगने का काम किया गया। यही कारण है कि यहां की जनता ने इस बार पीएम मोदी के प्रति अविश्वास जताया और उनके जीत को अंतर को कम कर डेढ़ लाख पर पहुंचा दिया। राय ने कहा कि पीएम मोदी और भाजपा को आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर जनता में उनका विश्वास क्यों घटता जा रहा है।

पीएम मोदी के बड़े अंतर से जीत के थे दावे

वाराणसी से प्रत्याशी पीएम मोदी को बड़े अंतर से जीत दिलाने के लिए संगठन स्तर पर काफ़ी तैयारियाँ की गई थी। कई वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों की ड्यूटी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में लगायी गई थी। बीजेपी का प्रयास था कि वाराणसी से प्रधानमंत्री को बड़े मार्जिन से जीत दिलायी जाये लेकिन परिणाम भाजपा के अनुरूप नहीं आया। वाराणसी में पीएम मोदी को 612970 मत पड़े जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को 460457 वोट हासिल हुए। पीएम की जीत का मार्जिन 152513 मतों का रहा।

Sudeept Mani Tripathi

Sudeept Mani Tripathi

About Author

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में परास्नातक। द लोकतंत्र मीडिया फाउंडेशन के फाउंडर । राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर लिखता हूं। घूमने का शौक है।

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