द लोकतंत्र : जनता जब चुनाव लड़ती है तो सियासी दलों, सियासतदानों और सो-कॉल्ड इलेक्शन स्ट्रेटेजिस्ट्स के सारे दावे हवा हो जाते है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में ऐसा ही कुछ हुआ है जिसका पूर्वानुमान तथाकथित चुनावी विश्लेषक, एग्जिट पोलस्टर भी नहीं कर पाये। चुनावी विश्लेषकों, एग्जिट पोलस्टर और तमाम सियासी दलों से जुड़े लोगों के दावे के विपरीत बीजेपी बहुमत के आँकड़े से पीछे रह गई। इसी संदर्भ में, जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद ऐलान किया है कि अब वो सीटों को लेकर कोई आकलन नहीं करेंगे।
बता दें, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी और इसबार उसकी सीटें 300 के आँकड़े के पार हो सकती है। उनके इस दावे की आलोचना भी हुई थी। हालाँकि, प्रशांत किशोर के दावे के उलट लोकसभा के चुनावी नतीजों ने सभी को चौंका दिया। अब लोकसभा चुनाव के परिणाम को लेकर एक मीडिया चैनल को दिये इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं फिर कभी नंबर गेम में नहीं पड़ूंगा। मुझे यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि मुझसे नंबर गलत हो गए।
400 पार का दावा धराशाही, पूरी एनडीए 300 के भीतर सिमटी
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पीएम मोदी, अमित शाह सहित बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने यह दावा किया था कि एनडीए 400 के पार सीटें हासिल करेगी। इसके अलावा बीजेपी अपने बल पर ही 370 सीटें जीतेगी और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी लेकिन चुनाव परिणाम ने बीजेपी सहित पूरी एनडीए को 300 के भीतर समेट दिया। भाजपा को जहां 240 सीटें आयी वहीं साझा तौर पर एनडीए की 293 सीटें ही आ सकी। इण्डिया अलायंस को 234 सीटें हासिल हुई।
राम मंदिर, अनुच्छेद 370 कुछ नहीं आया काम
भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद थी कि देश की जनता राम मंदिर निर्माण और अनुच्छेद 370 हटाये जाने के पक्ष में जनादेश देगी लेकिन जनमत इसके विपरीत बढ़ती महँगायी और प्रचंड बेरोज़गारी के मुद्दे को लेकर बीजेपी के विपरीत विपक्षी दलों के साथ गई। तमाम रणनीतिकारों ने जनता के मूड को भाँपने में गलती कर दी जिसकी वजह से एग्जिट पोल सहित तमाम दावे फर्जी साबित हुए। ख़ुद पीएम मोदी की जीत का मार्जिन काफ़ी कम रह गया।
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पीके ने कहा था, मुझे लगता है कि भाजपा को लोकसभा चुनाव 2019 में जितनी सीटें मिलीं, उतनी सीटें हासिल करने में इस बार भी पार्टी सफल होगी। या फिर स्थिति उससे बेहतर होगी।